क्या आप रात को सोते वक्त मोबाइल फोन को तकिए के नीचे रखकर सोते हैं? अगर हाँ, तो अब सतर्क हो जाइए! यह आदत जितनी आम है, उतनी ही खतरनाक भी. वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह आदत आपकी नींद, दिमाग, दिल और स्किन पर बेहद बुरा असर डाल सकती है.
मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन – एक अदृश्य खतरा
मोबाइल फोन से निकलने वाली Electromagnetic Radiation (EMR) और Radio Frequency (RF) Waves तकिए और सिर के बेहद करीब होने पर आपके मस्तिष्क को प्रभावित कर सकती हैं, खासकर जब मोबाइल वाई-फाई ऑन, ब्लूटूथ कनेक्टेड, या चार्जिंग पर हो — तब खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

ये हैं तकिए के नीचे मोबाइल रखने के खतरनाक असर:
आज के समय में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. लेकिन क्या आप भी रात को सोते समय मोबाइल को तकिए के नीचे या सिर के पास रखकर सोते हैं? अगर हां, तो यह आदत आपकी सेहत के लिए अलार्म से भी बड़ी चेतावनी है.
तकिए के नीचे मोबाइल रखने की आदत से न केवल आपकी नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि यह आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी गंभीर असर डाल सकती है.
1. नींद की गुणवत्ता पर असर (Sleep Disruption): मोबाइल की रेडिएशन और ब्लू लाइट से मेलाटोनिन हार्मोन दब जाता है, जिससे गहरी नींद नहीं आती और थकान बनी रहती है.
2. ब्रेन पर असर (Cognitive Function Weakening): लगातार रेडिएशन सिर के पास होने से याददाश्त कमजोर, ध्यान में कमी, और यहां तक कि ब्रेन ट्यूमर जैसी स्थितियों का खतरा भी हो सकता है.
3. दिल पर दबाव (Heart Issues): कुछ रिसर्च के अनुसार, EMR का असर दिल की धड़कन और रक्त प्रवाह पर भी पड़ सकता है.
4. स्किन एलर्जी और गर्मी (Skin Issues): मोबाइल से निकलने वाली हीट और रेडिएशन से त्वचा पर जलन, पसीना और एलर्जी हो सकती है.
5. मोबाइल ब्लास्ट का खतरा (Battery Explosion): सोते समय तकिए के नीचे चार्जिंग पर रखा मोबाइल हीट अप होकर ब्लास्ट तक कर सकता है. कई हादसे इसकी पुष्टि करते हैं.
तो क्या करें? – सुरक्षित आदतें अपनाएं:
.सोते वक्त मोबाइल को कम से कम 3-4 फीट दूर रखें
.रात में एयरप्लेन मोड ऑन करें
.मोबाइल को तकिए या कंबल के नीचे कभी न रखें
.सोने से पहले ब्लू लाइट फिल्टर ऑन करें या मोबाइल बंद कर दें
.अगर अलार्म के लिए मोबाइल चाहिए, तो उसे कमरे के कोने में रखें