मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर संशय की स्थिति बनी हुई है। मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन यह अब तक तय नहीं हो पाया है कि उन्हें सेवा विस्तार दिया जाएगा या नया अधिकारी इस पद पर आएगा। यह तीसरी बार है जब प्रदेश में मुख्य सचिव की कुर्सी को लेकर आखिरी समय तक असमंजस बना है।
नवंबर 2022 में इकबाल सिंह बैस की रिटायरमेंट के वक्त भी यही हालात बने थे। लंबे इंतज़ार के बाद उन्हें सेवानिवृत्ति वाले दिन ही छह माह का विस्तार मिला था। सितंबर 2023 में बैस का कार्यकाल समाप्त होने से पहले वीरा राणा को प्रभारी मुख्य सचिव बनाया गया और कुछ हफ्ते पहले ही उन्हें भी छह माह का एक्सटेंशन मिल गया था। इसके बाद सितंबर 2024 में राणा की अवधि पूरी होने पर अनुराग जैन को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया।
अब एक बार फिर वही स्थिति दोहराई जाती दिख रही है। सूत्रों का कहना है कि जैन के मामले में अंतिम निर्णय उनके रिटायरमेंट वाले दिन ही सामने आएगा।
मुख्य सचिव पद की रेस में सबसे आगे डॉ. राजेश राजौरा
सूत्रों के मुताबिक, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा मुख्य सचिव पद की रेस में सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर सचिव की जिम्मेदारी निभा चुके हैं और उज्जैन संभाग, जो मुख्यमंत्री मोहन यादव का गृह क्षेत्र है, के प्रभारी भी रह चुके हैं। राजौरा कृषि, गृह, उद्योग, परिवहन और उद्यानिकी जैसे कई अहम विभागों का नेतृत्व कर चुके हैं। इसके अलावा वे धार, बालाघाट, उज्जैन और इंदौर में कलेक्टर तथा झाबुआ में अतिरिक्त कलेक्टर के पद पर भी कार्य कर चुके हैं।
सूची में ये नाम भी शामिल
अगर मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन को सेवा विस्तार नहीं मिलता है, तो इस पद के लिए तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नामों पर चर्चा चल रही थी। इनमें से 1990 बैच की अधिकारी अलका उपाध्याय को हाल ही में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का सचिव नियुक्त कर दिया है। इसी कारण उनके मुख्य सचिव की रेस से बाहर होने की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान स्थिति में प्रमुख दावेदारों में 1990 बैच के डॉ. राजेश राजौरा और 1991 बैच के अशोक बर्णवाल के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
बर्णवाल का नाम भी रेस में
मुख्य सचिव पद की दौड़ में वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल का नाम भी शामिल है। वे गुना, देवास और शहडोल में कलेक्टर के रूप में काम कर चुके हैं। बर्णवाल ने अपने लंबे प्रशासनिक करियर में वन, खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण जैसे कई अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाली है। शिवराज सरकार के दौरान वे मुख्यमंत्री कार्यालय का दायित्व भी निभा चुके हैं। उनकी पहचान एक सक्रिय और तेजतर्रार अधिकारी के रूप में रही है।