बचपन में बारिश में भीगना सिर्फ मजा नहीं था, सेहत के लिए भी था वरदान – जानिए कैसे?

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By Kumari SakshiPublished On: July 13, 2025

बचपन की वो यादें जब हम बारिश के आते ही बिना छाते, बिना चप्पल दौड़ पड़ते थे… सड़कों पर छलकते पानी में कूदना, बाल्टी में भरकर बारिश का पानी इकट्ठा करना और घंटों उसमें नहाना — तब तो लगता था ये सिर्फ मस्ती है. लेकिन आज जब विज्ञान और आयुर्वेद की ओर नजर डालते हैं, तो पता चलता है कि बारिश के पानी में नहाना सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि सेहत का एक नेचुरल ट्रीटमेंट भी है.

बारिश का पानी – प्रकृति का शुद्ध तोहफा
बारिश का पानी वायुमंडल से होकर आता है और कई बार प्राकृतिक मिनरल्स और ऊर्जा तत्वों को समेट लाता है. जब यह साफ और प्रदूषण रहित रूप में शरीर से टकराता है, तो इसके फायदे बहुत होते हैं — खासकर अगर पहली बारिश या गांव-देहात के खुले वातावरण की बात हो. चलिए जानें, कैसे फायदेमंद है बारिश में भीगना

1. तनाव और डिप्रेशन को करता है दूर- बारिश की बूँदें शरीर पर गिरने से स्नायु तंत्र (nervous system) शांत होता है और शरीर में एंडोर्फिन (खुशी वाला हार्मोन) रिलीज होता है. इससे तनाव कम होता है और मूड बेहतर होता है.

2. इम्यूनिटी बूस्ट करता है- प्राकृतिक बदलावों के संपर्क में आकर शरीर स्वाभाविक रूप से मौसम के अनुसार ढलना सीखता है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप सामान्य मौसमी बीमारियों से बचे रहते हैं.

3. त्वचा के लिए नेचुरल क्लींजर- बारिश का पानी त्वचा से धूल, पसीना और डेड स्किन हटाने में मदद करता है. इसका हल्का alkaline nature स्किन को एक नैचुरल शाइन देता है और पिंपल्स या एक्ने से राहत मिल सकती है.

4. बालों के लिए प्राकृतिक कंडीशनर- शुद्ध बारिश का पानी बालों को सॉफ्ट और सिल्की बनाता है. कई आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी बारिश के पानी से स्नान को बालों की जड़ों के लिए पोषक माना गया है.

5. बॉडी में एनर्जी बढ़ाता है- ठंडे और ताजगी भरे बारिश के पानी से नहाने से शरीर में रक्त संचार तेज होता है और आलस्य कम होता है. इससे आपको पूरे दिन फ्रेश और ऊर्जावान महसूस होता है.

कब न भीगें बारिश में?

1.पहली बारिश में कभी न भीगें- पहली बारिश आमतौर पर वातावरण में मौजूद धूल, प्रदूषण और एसिडिक तत्वों को साफ करती है. इसमें एसिड रेन का प्रभाव अधिक होता है, जो त्वचा, बाल और सांसों के लिए हानिकारक हो सकता है.

2. अगर आपको जुकाम, बुखार या वायरल इंफेक्शन हो- बारिश में भीगने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है और संक्रमण बढ़ सकता है. खासकर ठंडी हवाओं और गीले कपड़ों से शरीर का तापमान गिरता है.

3. खाली पेट या बहुत थके हुए हों तो न भीगें- ऐसी हालत में भीगने से शरीर पर झटका (shock) लग सकता है. थकान में शरीर पहले से कमजोर होता है, और ठंडा पानी सीधे असर कर सकता है.

4. अगर सिर पर पानी गिर रहा हो सीधे- सिर पर तेज बारिश का पानी गिरना सिरदर्द, माइग्रेन और सर्दी-खांसी का कारण बन सकता है. बच्चों और बुजुर्गों को खासकर इससे बचाना चाहिए.

5. गंदे नाले या पानी में चलने से बचें- बारिश के पानी में अक्सर सीवेज, कीटाणु और बैक्टीरिया घुल जाते हैं. इससे फंगल इन्फेक्शन, स्किन एलर्जी या डेंगू-चिकनगुनिया जैसे रोग हो सकते हैं.