इंदौर : कोरोना का काल कई जिंदगियो को लील चुका है कईयों को अब दोजख नसीब होने के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है, इसका सबसे बड़ा कारण शहर में कब्र खोदने वाले है उनका कहना है की हम अब थक चुके है ना खाना नसीब है ना सोना, हाथों की हालत देखते ही शायद आपको क्रब्र खोदने वालो पर ही दया आ जाए, उनके हाथों में किसमात की लकीरे नहीं बस छाले है.
जो ज्यादा कब्र खोदने के चलते हुए है खजराना कब्रिस्तान में रोजाना दो कब्र ही खोदी जाती थी अब रोज 6 तो कभी 9 कब्रे खोदी जा रही है हाथ बेजान हो गए है आज तक कभी किसी को ऐसे ही जाने नहीं दिया अलेकिन अब मना करना पड़ रहा है, उनका बेटा भी यही कब्र खोदने का काम करता है लेकिन उसके हाथों में भी अब छाले है
नासिर के मुताबिक़ आजतक किसी को मना नहीं किया लेकिन कल रात भी एक लाश दफ़न होने आई थी उन्होंने कब्र खोदने से साफ मना कर दिया, लेकिन वे लोग नहीं माने कहा रातभर कोरोना की लाश को नहीं रखा जा सकता उन्हें मानना पड़ा और लग गए खुदाई में लेकिन अब उनका सब्र जवाब देता जा रहा है, शहर में कोरोना का स्टर बढ़ गया है यह अंदाजा एक कब्रिस्तान या शमशान की स्थिति से हो सकता है