ईवी बिजनेस बढ़ाने के लिए कंपनी ने लिया फैसला,ओला के कर्मचारियों की नौकरी पर आया खतरा

Shraddha Pancholi
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ओला अब अपने कर्मचारियों की संख्या में बहुत जल्द कटौती करने जा रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी अब कुछ समय बाद अपने 1000 कर्मचारियों को बाहर कर सकती है। दरअसल ओला अपने इलेक्ट्रॉनिक सेगमेंट पर फोकस करने के लिए अब दूसरे खर्चों पर कटौती करके उन बिजनेस को बंद कर रहा है। ऐसे में ओला ने अपने कर्मचारियों को पिंक स्लिप देना शुरू कर दी है। हालांकि अभी अपने कर्मचारियों के लिए एनुअल अप्रेजल को भी औपचारिक रुप देना फिलहाल अभी शेष है। लेकिन कंपनी अपने इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल बिजनेस के लिए हायरिंग करने जा रही है। हालांकि ओला अपने कर्मचारियों की जिस तरह से छंटनी करेगी वो आंकड़ा 1000 को छू सकता है। लेकिन कर्मचारियों के अनुसार बहाली प्रक्रिया कुछ समय तक चलने की उम्मीद जताई है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मोबिलिटी बिजनेस पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए भी युद्ध स्तर पर भर्ती की तैयारी की जा रही है।

आपको बता दें कि मोबिलिटी, हाइपरलोकल, फिनटेक एवं यूज्ड कारों और वर्टिकल के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। लेकिन यह बात भी सामने आई है कि छटनी करने वालों को करने वाले को स्वेच्छा से इस्तीफा देने के लिए भी कहा गया है। ओला के कर्मचारियों का कहना है कि अब कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए एप्रेजल प्रोसेस को लेट कर रही है जिन्हें कंपनी बर्खास्त करना चाहती है। कंपनी के द्वारा ऐसा करने के पीछे का कारण भी यही सामने आ रहा है ताकि कर्मचारी स्वयं इस्तीफा दे दे।

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ओला ने इस ओर अपना कदम बढ़ा लिया है और विदेशी बाजारों पर भी निवेश करने से भी रोक लगा दी है। एसके लिए ओला ने ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे विदेशी बाजारों में निवेश रोक दिया है। हालांकि ओला ने अभी इस बारे में खुलकर बात नही की है, लेकिन कंपनी का मेन फोकस मोबिलिटी इंडस्ट्री पर है। इस दौरान राइट हेलिग, ऑटो रिटेल, फाइनेंशियल सर्विसेज और इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल पर भी फोकस कर रहे हैं।

इस दौरान कंपनी का कहना है कि “हमारा राइट हेलिंग बिजनेस हर महीने नया रिकॉर्ड दर्ज कर रहा है, ऐसे में मुनाफे की स्थिति को ओर भी अच्छा बनाए रखने के लिए हम टीम की क्षमताओं के साथ ओर बड़े पैमाने पर नजर रख रहे हैं”। लेकिन आपको बता दें ओला के कोर मोबिलिटी में लगभग 1100 कर्मचारी कार्य करते हैं और ऐसे में करीब हर महीने 100 से 150 करोड़ रुपए का रेवेन्यू की जनरेट होता है। जिससे कि 40 से 50 करोड़ का प्रॉफिट भी होता है। लेकिन अब ओला डैश जैसे घर खर्चीले कारोबार के कारण और अपने कर्मचारियों की छटनी के कारण कारोबार और ऑपरेशन मार्जिन में भी वृद्धि होगी। हालांकि अब ओला आईपीओ की दिशा में भी कदम आगे बढ़ा रहा है, जिससे अब कंपनी को ओर भी अधिक मुनाफा होने की उम्मीद है।