पदोन्नति पर जल्द ही बड़ा फैसला लेगी सुप्रीम कोर्ट! कर्मचारियों को मिलने वाली है राहत

diksha
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मध्य प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को जल्द ही बड़ा तोहफा मिलने वाला है. पदोन्नति का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को जल्दी खुशखबरी मिल सकती है. सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति आरक्षण के मामले में सुनवाई चल रही और राज्यवार चल रही सुनवाई में प्रमोशन में आरक्षण पर 17 अगस्त को बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

मध्य प्रदेश में 6 साल से कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक लगी हुई है. 28 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए पदोन्नति में आरक्षण के मामले में कुछ मुद्दों को तय किया था. इन्हें आधार बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने पदोन्नति के निर्णय लिए थे. अब राज्य स्तर पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनवाई की जा रही है. मध्य प्रदेश का डाटा सुप्रीम कोर्ट को उपलब्ध करवा दिया गया है.

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खबरों के मुताबिक राज्यवार होने वाली सुनवाई में 17 अगस्त को मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया जा सकता है. इसके पहले प्रदेश के लिए मई 2022 में सुनवाई तय की गई थी. इसमें राज्य सरकार के आदिम जाति अनुसंधान और विकास संस्था के बिंदुओं का डाटा उपलब्ध कराया गया था. जिसके बाद अनुसूचित जाति को 15% और अनुसूचित जनजाति को 20% आरक्षण देना सरकार की तरफ से न्याय संगत कहा गया था.

2016 से पदोन्नति बंद है और अब तक 32000 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं. कर्मचारी सरकार पर पदोन्नति को लेकर दोहरे मापदंड का आरोप लगाते दिखाई दे रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि राज्य वन सेवा के अधिकारियों को भारतीय वन सेवा में पदोन्नत किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी और कर्मचारियों की पदोन्नति देखी जा रही है. डॉक्टरों की पदोन्नति हो रही है. जल संसाधन विभाग में अभियंता और पशुपालन विभाग में डॉक्टरों को पदोन्नत किया जा रहा है. पुलिस विभाग में मैदानी कर्मचारियों को वरिष्ठ अधिकारी बनाया जा रहा है. राजस्व विभाग में भी पदोन्नति हो रही है, सिर्फ कर्मचारियों को पदोन्नत होने से रोक लगाई जा रही है.

इस मामले में अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का कहना है कि पदोन्नति को लेकर सरकार भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है. सरकार को सभी के लिए समान नियम लेकर आना चाहिए जिससे कर्मचारियों को पदोन्नति मिले. 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहत भरा फैसला आने की उम्मीद भी कर्मचारी कर रहे हैं.