सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है। सावन के महीने में भगवान शिव के भक्ति उनकी पूजा और आराधना करते हैं। सभी शिव भक्त भगवान शिव की पूजा आराधना के साथ व्रत भी रखते हैं। इस पावन महीने में कई प्रकार के नियमों का पालन किया जाता है। जैसे इस महीने में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसको लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं जिनको सभी भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ मानते हैं।
शिव भक्त उनको प्रसन्न करने के लिए कई नियमों का पालन करते हैं। आइए आज हम आपको ऐसे ही एक नियम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में कई लोगों को जानकारी नहीं है। शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए यह शुभ है या अशुभ है इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना है वर्जित
भगवान शिव के भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा से शिवलिंग पर अलग-अलग तरह के भोग और बेलपत्र के साथ कई चीज जैसे भांग, धतूरा इत्यादि चढ़ाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौराणिक मान्यता है कि इन सब चढ़ाई हुई चीजों को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना वर्जित माना गया है। शिवजी पर चढ़ाया हुआ प्रसाद खाना वर्जित माना जाता है।
इस प्रसाद से हो सकते हैं गलत प्रभाव
शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद में अत्यंत ऊर्जा होती है और अत्यंत तेज होता है। अगर इसको गलत तरीके से ग्रहण किया जाता है तो उसे इंसान पर इसका विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है। इससे व्यक्ति के स्वास्थ्य है और मानसिक संतुलन पर गलत असर होता है। अगर आप इसका सेवन करते हैं तो आपको कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं।
पौराणिक मान्यताएं
शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं। जिसमें कहां गया है कि शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद गलत तरीके से ग्रहण करना बहुत गलत साबित हो सकता है।
इन नियमों का करें पालन
शिवलिंग पर चढ़ाए हुए जल को आप घर पर लाकर तुलसी में डाल सकते हैं। इसके साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र और फूल को वृक्ष के नीचे रख दे या फिर इसको जल में बहा सकते हैं। शिवलिंग के सामने अलग से फल मिठाइयां, पंचामृत चढ़ाए और फिर बाद में इसको लोगों में बांट दे। इस प्रकार इन नियमों का पालन करें। इसी तरह इन नियमों का पालन करते हुए प्रसाद ग्रहण करें तभी भक्तों के लिए फलदाई साबित होगा।