रेल विकास की नई पटरी, इंदौर-खंडवा लाइन को मिली मंजूरी, अब दक्षिण भारत तक का सफर हुआ आसान

इंदौर-खंडवा रेल परियोजना को वन विभाग से NOC मिलने के बाद अब इसका निर्माण तेज़ी से शुरू होगा, जिससे उत्तर-दक्षिण भारत के बीच सीधी कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।

Abhishek Singh
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रेल विकास की नई पटरी, इंदौर-खंडवा लाइन को मिली मंजूरी, अब दक्षिण भारत तक का सफर हुआ आसान

इंदौर-खंडवा रेल परियोजना से जुड़ी एक बड़ी राहतभरी खबर सामने आई है। वन विभाग ने इस रेल लाइन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी कर दिया है, जिससे परियोजना के मार्ग में सबसे बड़ी अड़चन अब दूर हो चुकी है। इसके साथ ही अब इस मार्ग का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ सकेगा।

यह रेल लाइन उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला सबसे छोटा और सीधा रूट साबित होगी। इससे इंदौर के औद्योगिक और व्यापारिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी, साथ ही यात्रियों को समय और दूरी दोनों की बचत होगी। मालवांचल के लिए यह परियोजना एक नई शुरुआत की तरह है, जो इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएगी।

इंदौर से दक्षिण, अब रास्ता सीधा और तेज

इंदौर-खंडवा रेल लाइन के पूरा होते ही इंदौर का सीधा रेल संपर्क खंडवा, भुसावल, नासिक और मुंबई के अलावा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों से स्थापित हो जाएगा। यह नया रेल कॉरिडोर मालवांचल के व्यापारियों, किसानों और यात्रियों को एक तेज, किफायती और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प उपलब्ध कराएगा।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि यह रेल मार्ग मालवांचल और दक्षिण भारत के बीच मजबूत और सुगम कनेक्टिविटी के लिए बेहद अहम साबित होगा।

10 साल बाद फिर से चलेगी रेल

पिछले दस वर्षों से इंदौर और खंडवा के बीच रेल संपर्क पूरी तरह ठप था। पहले इस मार्ग पर मीटरगेज लाइन संचालित होती थी, जो महू से होकर पातालपानी, कालाकुंड, बलवाड़ा और चौरल होते हुए खंडवा तक जाती थी। अब इस मार्ग को ब्रॉडगेज में बदलने का कार्य जारी है।

नई ब्रॉडगेज लाइन महू से पातालपानी के पहले एक मोड़ लेकर  लवाड़ा तक बनाई जा रही है। चूंकि यह इलाका पहाड़ी है, इसलिए लगभग 32 किलोमीटर लंबा घुमावदार मार्ग तैयार किया जा रहा है, जिसमें 454 हेक्टेयर भूमि वन विभाग के अंतर्गत आती है। रेलवे इस ज़मीन पर ट्रैक बिछाने की अनुमति पिछले कई वर्षों से मांग रहा था, जो अब स्वीकृत हो चुकी है।

इंदौर-खंडवा की दूरी, अब सिर्फ 80 किलोमीटर

पहले मीटरगेज लाइन पर इंदौर से खंडवा की दूरी लगभग 48 किलोमीटर थी। लेकिन अब ब्रॉडगेज ट्रैक के निर्माण के तहत ट्रेन को पातालपानी के पहले एक मोड़ लेकर बलवाड़ा के रास्ते ले जाया जाएगा, जिससे यह दूरी बढ़कर 80 किलोमीटर हो जाएगी।

हालांकि, इस नए रूट की मदद से इंदौर को बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे प्रमुख दक्षिण भारतीय शहरों के साथ-साथ जयपुर और अजमेर जैसे उत्तर भारतीय शहरों से सीधी रेल कनेक्टिविटी मिल सकेगी। वर्तमान में इन शहरों तक पहुंचने के लिए यात्रियों को लंबा और समय लेने वाला रास्ता तय करना पड़ता है।

यह नया रेल मार्ग उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाला सबसे छोटा और सीधा कॉरिडोर बनेगा, जिससे यात्रियों का सफर न सिर्फ तेज और आसान होगा, बल्कि रेलवे की आय में भी इज़ाफा होगा।

सांसद लालवानी की पहल से जनता को बेहतर यात्रा सुविधाएं

इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने इस परियोजना से जुड़ी अड़चनों को दूर करने के लिए निरंतर पहल की। उन्होंने रेलवे और वन विभाग के अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए संयुक्त बैठक आयोजित करवाई, जिससे तकनीकी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने में मदद मिली।

हाल ही में सांसद लालवानी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भेंट कर इस परियोजना को प्राथमिकता देने का आग्रह किया और वन विभाग से अनुमति दिलाने के लिए समर्थन मांगा। उनके लगातार प्रयासों का ही परिणाम है कि अब इस परियोजना को आवश्यक स्वीकृतियां मिल चुकी हैं और कार्य में गति आई है।