इंदौर : सुबह उठकर हमें अपने माता-पिता को प्रणाम करना चाहिए, उसके बाद स्नान करके भगवान के दर्शन कर प्रार्थना करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। इससे हमें नैतिक और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है, लेकिन हम इन बातों को भूल गए हैं। हमारी भारतीय सनातन संस्कृति है, जो विश्व में सबसे प्राचीन और वैज्ञानिकता से परिपूर्ण है। लेकिन फिर आज हम पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने के लिए आतुर हो गए हैं।
हमारी जो परम्पराएं हैं वे सब वैज्ञानिक आधार पर ही बनी हैं। हमारा खाना-पीना, रहना सब हमारे शरीर को स्वस्थ रखने की दवाई है। यह बात गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति (भारत) की इंदौर महानगर इकाई द्वारा आयोजित भ्रूण हत्या रोकने के लिए एवं संस्कार निर्माण के विषय में रैली तथा संस्कार शिक्षा पर उषागंज स्थित ब्राईट स्कूल सभागार में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए समिति के राष्ट्रीय महासचिव श्यामसुंदर मंत्री ने कही।
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कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था का परिचय देते हुए कार्यक्रम संयोजक भारती शर्मा ने बताया कि आज कन्या भ्रूण हत्या देश के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए आज गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति द्वारा संस्कार शिक्षा और रैली का आयोजन किया गया। इन्दौर महानगर इकाई की अध्यक्ष डा. साधना सोढाणी ने बताया कि यह संस्था पिछले 27 वर्षों से पूरे देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लेकर कार्य कर रही है।
इकाई सचिव जिज्ञासू पारीख ने बताया कि यह रैली स्कूल प्रांगण से शुरू हुई जिसने पूरे छावनी क्षेत्र में भ्रमण किया। रैली में बच्चे नारे लिखी हुई तख्तियां व बैनर लेकर चल रहे थे, जिसमें बेटी को मरवाओंगे तो बहू कहां से लाओगे, मां नहीं तो बेटी नहीं, बेटी नहीं तो बेटा नहीं लिखे हुए थे।
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कार्यक्रम में शिक्षाविद अभिषेक वर्मा, दीपिका पोद्दार, निधि, विनोद मुकेश, अनन्त ज्योति शर्मा संस्था के कुचामन इकाई के अध्यक्ष श्याम सुन्दर सैनी ने संस्था के बारे में जानकारी दी ।सभी अतिथियो का स्वागत स्कूल के विद्यार्थियों ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राशि गांधी ने किया और आभार समाजसेवी सरीता काला ने माना।