SC की दो टूक, मदीना मस्जिद को गिराने का आदेश बरकरार

Akanksha
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नई दिल्ली। पडोसी देश पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट SC ने कराची के तारिक रोड इलाके में स्थित मदीना मस्जिद को गिराने का आदेश बरकरार रखा है। दरअसल, मस्जिद प्रशासन ने एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट SC से इसकी समीक्षा की मांग की थी। जिसके बाद अब SC ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अदालत अपना फैसला नहीं बदल सकती। आपको बता दे कि, ये मस्जिद तारिक रोड के पास एमेनिटी पार्क की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी।

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इस पार्क की जमीन पर एक दरगाह और एक कब्रिस्तान को भी अवैध तरीके से बनाया गया था। जिसके बाद इन सभी अवैध निर्माणों को सुप्रीम कोर्ट ने गिराने का आदेश दिया था। वहीं पाकिस्तान के न्यूज चैनल के मुताबिक, मस्जिद के प्रशासन ने एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट के 28 दिसंबर के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की थी। मस्जिद प्रशासन ने अपनी दलील में कहा कि, जिला नगर निगम (ईस्ट) ने उसे मस्जिद खाली करने के लिए एक नोटिस जारी किया है, लेकिन चूंकि डीएमसी ईस्ट के पास जमीन का मालिकाना हक नहीं है, इसलिए उसके पास इस तरह के नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं है।

याचिका में कहा गया कि , ‘मस्जिद के लिए जमीन PECHS (Pakistan Employees Cooperative Housing Society) द्वारा आवंटित की गई थी और निर्माण कानून के अनुसार भवन योजना की मंजूरी के बाद किया गया था। 1994 में मस्जिद के निर्माण के लिए सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गई थीं।’ आपको बता दें कि, इस पूरे मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ कर रही है। पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने मंगलवार को कोर्ट से अपील की कि ये मामला धार्मिक तनाव को जन्म दे रहा है, इसलिए वो अपने फैसले की समीक्षा करें। साथ ही जस्टिस अहमद ने अटॉर्नी जनरल को बताया कि सिंध की सरकार मस्जिद के लिए कोई दूसरी जमीन दे सकती है।