रक्षाबंधन पर ध्यान रखें ये बातें, कुछ राखियां रिश्तों में ला सकती हैं दूरी

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By Swati BisenPublished On: August 5, 2025
raksha bandhan 2025

Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहन जब अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो वह न केवल उसकी लंबी उम्र की कामना करती है, बल्कि अपने स्नेह, आशीर्वाद और शुभ ऊर्जा को भी उस धागे में पिरोती है। इसलिए राखी का चयन केवल उसकी सुंदरता को देखकर नहीं, बल्कि उसके रंग, प्रतीकों और सामग्री को ध्यान में रखकर करना चाहिए। एक गलत राखी रिश्तों की मिठास को कमजोर कर सकती है और अनजाने में नकारात्मकता को आकर्षित कर सकती है।

काली राखी

ज्योतिष शास्त्र में काले रंग को शनि और राहु जैसे अशुभ ग्रहों से जोड़ा गया है। यह रंग अवसाद, डर और बाधाओं का प्रतिनिधित्व करता है। काली राखी बांधना भाई के जीवन में मानसिक दबाव या अशांति ला सकता है। इसलिए राखी के रूप में काले रंग का पूरी तरह से परहेज करना ही उचित है।

नीली राखी

नीला रंग भी शनि ग्रह से जुड़ा होता है। यह रंग गहराई का प्रतीक तो है, लेकिन भावनात्मक त्योहारों पर यह दूरी और भावहीनता ला सकता है। रक्षाबंधन जैसे भावनात्मक और स्नेहपूर्ण पर्व के लिए यह रंग उपयुक्त नहीं माना जाता।

टूटी-फूटी राखी

अगर राखी कहीं से फटी, उलझी या टूटी हुई हो, तो उसे किसी भी हालत में भाई को न बांधें। खंडित वस्तुएं न केवल अशुद्ध मानी जाती हैं, बल्कि ये जीवन में अधूरेपन और रुकावटों का प्रतीक भी बन जाती हैं। राखी बांधने से पहले उसकी स्थिति की अच्छी तरह से जांच अवश्य कर लें।

नकारात्मक चिन्हों वाली राखी से बचें

राखी पर बने चिन्हों का भी विशेष ज्योतिषीय महत्व होता है। अधूरे या उल्टे त्रिकोण, खंडित चक्र, या भ्रमित करने वाले प्रतीकों वाली राखियां अक्सर राहु-केतु जैसे ग्रहों से संबंधित मानी जाती हैं और ये अवचेतन रूप से नकारात्मक प्रभाव छोड़ सकती हैं। इसलिए हमेशा स्पष्ट, शुभ और धार्मिक प्रतीकों वाली राखी ही चुनें।

नुकीली या धातुयुक्त राखियां

आजकल डिजाइन के नाम पर राखियों में स्टील के टुकड़े, ब्लेड जैसी आकृतियां या नुकीले हिस्से जोड़े जा रहे हैं, जो देखने में आकर्षक हो सकते हैं लेकिन वास्तु और शास्त्रों की दृष्टि से अशुभ माने जाते हैं। ये वस्तुएं संबंधों में कटाव, टकराव और आक्रामकता की प्रतीक हो सकती हैं। ऐसे डिजाइनों से परहेज करना चाहिए।

प्लास्टिक की राखी

प्लास्टिक की राखी जितनी सस्ती और टिकाऊ लगती है, उतनी ही नकारात्मक मानी जाती है। शास्त्रों में प्लास्टिक को अशुद्ध और कृत्रिम माना गया है। इससे बनी राखियां न सिर्फ पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी शुभ फल नहीं देतीं। बेहतर होगा कि बहनें पारंपरिक, प्राकृतिक और शुद्ध सामग्री से बनी राखी का चयन करें।

तो कैसी राखी हो सबसे शुभ?

  • रक्षाबंधन पर शुभता को प्राथमिकता देते हुए ऐसी राखी चुनें जो सादगी, पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो।
  • रेशमी धागे या मौली से बनी राखी को शुभ माना जाता है।
  • चंदन, कुमकुम, रोली लगे हुए धागे आपके रिश्ते में आध्यात्मिक मजबूती लाते हैं।
  • ओम, स्वास्तिक, श्री या गणेश जैसे शुभ प्रतीकों वाली राखियां भाग्यवृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक होती हैं।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।