200 साल बाद बनेगा पंचग्रही योग, इन राशियों का गोल्डन टाइम होगा शुरू, हर काम में मिलेगी तरक्की

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By Raj RathorePublished On: December 11, 2025
Panchgrahi Yog

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के राशि परिवर्तन को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। शुक्र को धन, वैभव, प्रेम और सुख-संपदा का कारक ग्रह कहा जाता है। जब भी शुक्र अपनी चाल बदलते हैं, तो इसका सीधा प्रभाव जनमानस पर पड़ता है। आने वाले साल 2026 की शुरुआत में एक बड़ी खगोलीय घटना होने जा रही है, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत खास है।

साल 2026 के जनवरी महीने में शुक्र ग्रह अपने मित्र शनि की राशि ‘मकर’ में गोचर करेंगे। यह केवल एक सामान्य गोचर नहीं होगा, बल्कि इस दौरान अंतरिक्ष में ग्रहों की एक दुर्लभ स्थिति बनेगी। मकर राशि में शुक्र के प्रवेश के साथ ही 5 दिनों के भीतर कई अन्य ग्रह भी वहां मौजूद होंगे, जिससे एक विशेष संयोग का निर्माण होगा।

200 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग

ज्योतिषीय गणनाओं के मुताबिक, जनवरी 2026 में मकर राशि में एक साथ पांच ग्रह एकत्रित होंगे। शुक्र के अलावा वहां सूर्य, मंगल, बुध और चंद्रमा पहले से ही या उसी समय गोचर कर रहे होंगे। ग्रहों के इस मिलन को ‘पंचग्रही योग’ कहा जा सकता है। जानकारों का मानना है कि ग्रहों का ऐसा विशिष्ट गठजोड़ करीब 200 साल बाद बन रहा है।

यह दुर्लभ संयोग न केवल जनवरी बल्कि फरवरी महीने तक अपना प्रभाव दिखाएगा। इस दौरान ब्रह्मांडीय ऊर्जा में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। मकर राशि, जो कि कर्मफल दाता शनि की राशि है, उसमें शुक्र (विलासिता के कारक) का आना और साथ में सूर्य (आत्मा), मंगल (पराक्रम), बुध (बुद्धि) और चंद्रमा (मन) का मिलना कई राशियों के जीवन में उथल-पुथल और बड़े बदलाव ला सकता है।

इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

हालांकि इस महासंयोग का असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा, लेकिन कुछ विशेष राशियों के लिए यह समय भाग्यवर्धक साबित हो सकता है। शुक्र और शनि की मित्रता जगजाहिर है, इसलिए मकर राशि में शुक्र का आना शुभ माना जाता है।

वृषभ और तुला राशि: शुक्र इन दोनों राशियों के स्वामी हैं। मकर राशि में शुक्र का यह गोचर वृषभ और तुला राशि के जातकों के लिए आर्थिक उन्नति के द्वार खोल सकता है। करियर में नई ऊंचाइयां और व्यापार में विस्तार के योग बन सकते हैं।

मकर राशि: चूंकि यह पूरा घटनाक्रम मकर राशि में ही हो रहा है, इसलिए इस राशि के जातकों पर इसका सबसे गहरा प्रभाव पड़ेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और अटके हुए कार्य पूर्ण होने की संभावना रहेगी।

कुंभ राशि: शनि के स्वामित्व वाली दूसरी राशि कुंभ के लिए भी यह समय अनुकूल रह सकता है। धन लाभ और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं।

सावधानी और उपाय

इतने सारे ग्रहों का एक ही भाव में होना ऊर्जा का विस्फोट करता है। जहां कुछ के लिए यह राजयोग जैसा फल देगा, वहीं कुछ राशियों को मानसिक तनाव या संघर्ष का सामना भी करना पड़ सकता है। विशेषकर जब उग्र ग्रह मंगल और सूर्य साथ हों, तो धैर्य बनाए रखना आवश्यक होता है। ज्योतिषीय सलाह के अनुसार, इस दौरान शुक्र और शनि से संबंधित उपाय करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।