छत्तीसगढ़ की डिजिटल पेंशन सत्यापन में अग्रणी उपलब्धि, 73 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों का जीवन प्रमाणन पूरा

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By Abhishek SinghPublished On: December 16, 2025

छत्तीसगढ़ सरकार की समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) अभियान ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों के लिए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। केंद्र प्रायोजित पेंशन योजनाओं से जुड़े 73 प्रतिशत से अधिक हितग्राहियों का आधार-आधारित बायोमेट्रिक जीवन प्रमाणन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। यह उपलब्धि राज्य की प्रशासनिक कुशलता और डिजिटल सुशासन की मजबूती को रेखांकित करती है, जिससे छत्तीसगढ़ देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय उदाहरण बन रहा है।

राज्य में मुख्य रूप से वृद्धजन, विधवा एवं परित्यक्ता महिलाएं तथा दिव्यांगजन सामाजिक सुरक्षा पेंशन के प्रमुख लाभार्थी हैं। वर्तमान में छह पेंशन योजनाएं चल रही हैं – तीन केंद्र सरकार की (जिनमें राज्य द्वारा अतिरिक्त टॉप-अप प्रदान किया जाता है) और तीन पूर्णतः राज्य संचालित। सभी योजनाओं के तहत पात्र लाभार्थियों को मासिक 500 रुपये की पेंशन दी जा रही है, जो उनकी आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार है।

अभियान की सबसे बड़ी सफलता आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता रही, जिससे पेंशन केवल जीवित और वास्तविक हितग्राहियों तक पहुंच रही है। इससे फर्जीवाड़ा, डुप्लीकेट और अपात्र मामलों पर पूर्ण अंकुश लगा है। जबकि कई राज्य जीवन प्रमाणन को चुनौती मान रहे हैं, छत्तीसगढ़ ने तकनीकी नवाचार और जमीनी समन्वय से इसे आसान और विश्वसनीय बना दिया है।

विशेष रूप से बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए घर के निकट जनसेवा केंद्रों, सहकारी संस्थाओं या विशेष शिविरों में सत्यापन की व्यवस्था की गई है, जिससे उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। कई जिलों में प्रगति 80 प्रतिशत से ऊपर पहुंच चुकी है और शेष क्षेत्रों में विशेष ड्राइव से 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का प्रयास जारी है।

पेंशन वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) को प्रमुखता दी गई है। राज्य में करीब 98 प्रतिशत पेंशन सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर हो रही है। साथ ही, 75 प्रतिशत पेंशनधारकों के खाते आधार से लिंक हो चुके हैं, जिससे डुप्लीकेट भुगतान और त्रुटियां न्यूनतम हो गई हैं।