भाद्रपद मास आज से शुरू, इस महीने पड़ेंगे ये खास व्रत और त्योहार

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आज से भाद्रपद मास प्रारंभ हो चुका है। भाद्रपद का अर्थ है, भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का महीना। यह महीना लोगों को व्रत, उपवास, नियम और निष्ठा का पालन करवाता है। अपनी गलतियों को याद करके उनका प्रायश्चित करने के लिए यह सर्वोत्तम महीना है। मन को शद्ध करने और पवित्र भाव भरने में यह महीना काफी कारगर है।

इसी महीने में गणेश चतुर्थी का बड़ा पर्व मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी भी इसी महीने में आती है। इस बार भाद्रपद का महीना 23 अगस्त से 20 सितम्बर तक रहेगा। इस महीने कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार आते हैं। भाद्रपद मास के प्रमुख व्रत-त्योहार इस प्रकार हैं-

कजरी तीज
भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है। 25 अगस्त को कजरी तीज का पर्व पड़ रहा है। इसे भादौ तीज भी कहा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु का कामना के लिए व्रत रखती हैं।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
कृष्ण जन्मोत्सव पर्व 30 अगस्त को है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था। पूरे भारत में जन्माष्टमी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।

अजा एकादशी
अजा एकादशी व्रत 3 सितंबर को रखा जाएगा। हर साल यह व्रत भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है।

पिठौरी अमावस्या
हिंदू पंचांग के अनुसार पिठौरी अमावस्या 6 सितंबर को मनाई जाएगी। इस भाद्रपद अमावस्या को पिठौरी व कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

हरतालिका तीज
भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज पर्व आता है। इस बार यह त्योहार 9 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन महिलाएं और लड़कियां सारा दिन निर्जल रह कर सौभाग्यवती रहने का वरदान प्राप्त करती हैं।

गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी पर्व 10 सितंबर को मनाया जाएगा। भगवान गणेश जी का जन्म भादप्रद माह के शुक्ल पक्ष कि चतुर्थी को हुआ था। इसलिए हर साल यह पर्व इसी दिन मनाया जाता है।

विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा 17 को है। इस दिन विधि भगवान विश्वकर्मा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हर साल कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है।

परिवर्तनी एकादशी
परिवर्तनी एकादशी 17 सितंबर को है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तनी एकादशी कहते हैं। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की उपासना करने का विधान है।

भाद्रपद पूर्णिमा
भाद्रपद पूर्णिमा 20 सितंबर को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्र माह में आने वाली पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा की तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है।