भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री श्री जीतू पटवारी ने आज भोपाल में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। श्री पटवारी ने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से स्वामित्व योजना का शुभारंभ कराया, लेकिन सच्चाई यह है कि यह योजना 2018 में शिवराज सिंह चौहान सरकार पहले ही लागू कर चुकी है। इस योजना का स्वरूप इस तरह का है कि किसानों या बिना भूमि वालों को इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। इसके बावजूद शिवराज और मोदी दोनों झूठे मिलकर मध्य प्रदेश को बरगलाने का काम कर रहे हैं।
श्री पटवारी ने किसान सम्मान निधि को लेकर भी गंभीर आरोप शिवराज और मोदी सरकार पर लगाए। श्री पटवारी ने दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि प्रदेश के शाजापुर जिले में किसानों को सम्मान निधि के तहत जो राशि दी गई थी उसकी रिकवरी के नोटिस किसानों को भेज दिए गए हैं। इन दोनों जगहों पर हजारों किसानों को अब तक 5.6 करोड़ रूपये की रिकवरी के नोटिस भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को इस योजना का नाम बदलकर किसान अपमान निधि कर देना चाहिए।
उन्होंने पत्रकारों को अवंतीपुर बड़ोदिया, गुलाना, कालापीपल, मोहन बड़ोदिया, पोलायकला, शाजापुर और सुजालपुर तहसीलों के उन सभी किसानों की सूची और उन पर दिया गया बकाए का नोटिस उपलब्ध कराया। श्री पटवारी ने बताया कि इन 7 तहसीलों में 1186 किसानों को यह कहकर अपात्र घोषित कर दिया है कि वह आयकर दाता हैं, जबकि 6364 किसानों को अन्य कारणों से अपात्र घोषित कर दिया है। इस तरह से सिर्फ इन सात तहसीलों में ही 7550 किसानों से 5.6 करोड़ रुपए बकाए के नोट इस सरकार ने भेजे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर मध्य प्रदेश के सभी जिलों से इस तरह के नोटिसों का संग्रह किया जाए तो प्रदेश के किसानों से सैकड़ों करोड़ रुपए वसूलने की फिराक में मोदी सरकार नजर आती है। यह मोदी सरकार का किसानों पर सबसे बड़ा हमला है। श्री पटवारी ने कहा कि एक तरफ कमलनाथ सरकार थी, जिसने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया और किसानों को कर्ज के चंगुल से आजाद कराया। दूसरी तरफ मोदी और शिवराज सरकार है जो किसानों को पहले सम्मान निधि के नाम पर पैसा देती है और जब किसान महंगाई और खराब फसल के बीच उस पैसे का उपयोग कर लेता है तो बाद में किसानों को कर्ज के जाल में फंसाने के लिए करोड़ों रुपए की वसूली के नोटिस थमा दिए जाते हैं।
श्री पटवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का चरित्र ही किसान विरोधी है। जब पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार के रूप में मोरारजी देसाई की सरकार बनी थी तो किसानों की यह हालत हुई थी कि किसानों को अपना गन्ना खेत में ही जलाना पड़ा था। आज भी शिवराज सिंह चौहान की 17 साल की सरकार में किसानों के साथ इसी तरह का दुर्व्यवहार हो रहा है। श्री पटवारी ने कहा कि सोयाबीन का किसान बुरी तरह परेशान है। उन्होंने बाकायदा आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया की 3 एकड़ जमीन में सोयाबीन की खेती करने पर किसान की लागत 80000 रू. आ रही है जबकि उस में पैदा होने वाला कुल सोयाबीन अधिक से अधिक 70000 रू. में बिक पा रहा है।
श्री पटवारी ने लखीमपुर खीरी की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि अब यह दुनिया के सामने आ चुका है कि नरेंद्र मोदी के मंत्री के बेटे ने किसानों को गाड़ी से कुचल कर मार डाला। पूरी दुनिया ने यह वीडियो देखा है। उसके बावजूद मुख्य आरोपी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो रही है और ना ही आरोपी मंत्री को अब तक पद से हटाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लखनऊ गए लेकिन उन्होंने किसानों के बारे में संवेदना के दो शब्द तक नहीं बोले।
श्री पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार किसानों को हर तरह से परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यह वही सरकार है जिसने मंदसौर में किसानों पर गोली चलाई थी और यह वही सरकार है जो किसानों को सोयाबीन, मक्का, मूंग और दूसरी फसलों का सही दाम नहीं दिला पा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन किसानों की लागत जरूर चार गुनी हो गई है।
उन्होंने कहा कि डीजल पेट्रोल और बिजली के दाम जिस तरह से बढ़ाए गए हैं, उससे किसान की कमर टूट गई है। इसके अलावा रसोई गैस का सिलेंडर 1000 रू. के करीब पहुंच चुका है। इससे पता चलता है कि नरेंद्र मोदी सरकार किसान और आम आदमी की दुश्मन है। श्री पटवारी ने बताया कि किसानों पर मोदी सरकार के जुल्म के खिलाफ कांग्रेस पार्टी बड़ा अभियान शुरू कर रही है और घर-घर जाकर जिला स्तर पर यह आंदोलन चलाया जाएगा।