तीन महत्वपूर्ण देशों के बीच एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर डील की संभावना है, जिसमें खाड़ी देशों को अरब सागर के तटों से जोड़ने के लिए रेलवे प्रोजेक्ट का सहमति प्राप्त हो सकती है। इस प्रोजेक्ट के तहत, भारत को भी बंदरगाहों और जलयान मार्ग के माध्यम से खाड़ी देशों से जोड़ा जाएगा।
G20 समिट में बातचीत की संभावना
तीनों देशों के नेताओं की G20 समिट के दौरान इस मुद्दे पर बातचीत की संभावना है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत, रेलवे और पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा, जिससे खाड़ी देशों के साथ संवाद और एकत्रिति में सुधार हो सकता है।
प्रोजेक्ट के पीछे की कहानी
इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के पीछे, चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के प्रभाव को कम करने का इरादा है। बाइडेन प्रशासन 2024 के चुनाव से पहले सऊदी अरब और इजराइल के बीच संबंधों को सामान्य करने और इस प्रोजेक्ट को फाइनल करने का प्रयास कर रहा है।
संवाद का तत्व
प्रोजेक्ट को लेकर 18 महीनों से चर्चा जारी है, और इसमें अमेरिका, इजराइल, भारत, और UAE की भागीदारी है। इस फोरम का नाम I2U2 है, और यह मिडिल ईस्ट में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की रणनीति तय करने के लिए बनाया गया था।
भारत की भूमिका
भारत की एक्सपर्टीज को देखते हुए इस प्रोजेक्ट में भागीदारी की गई है, और इससे भारत का रेलवे सेक्टर एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डर के रूप में बढ़ सकता है।
भारत का मकसद
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, खाड़ी देशों को भारत के साथ जोड़ने से कई लाभ हो सकते हैं, जैसे कि तेल और गैस की तेजी से और कम लागत में पहुंच, और भारत की अपनी पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करने का मौका मिल सकता है। इसके साथ ही, यह प्रोजेक्ट भारत की रेलवे सेक्टर को एक विश्वस्तर नाम में भी बढ़ावा दे सकता है।