शिवराज को ठंडी चाय को लेकर राजनीतिक बवाल

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MP: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ठंडी चाय पिलाना अफसरों को भारी पड़ गया है. कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद कलेक्टर ने अधिकारी को निलंबित भी कर दिया है. बता दें इससे पहले इंदौर में सीएम को ठंडा खाना परोसने के बाद खाद्य अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था. वहीं सीधी गेस्ट हाउस में सीएम को मच्छरों ने परेशान किया था. जिस वजह से गेस्ट हाउस के प्रभारी इंजीनियर पर भी गाज गिरी थी.

पूरा मामला छतरपुर का है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रीवा जाते समय कुछ देर के लिए खजुराहो एयरपोर्ट पर रुके थे. यहां पर उनके साथ सांसद और भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद थे. यहां पर सीएम और प्रदेश अध्यक्ष को ठंडी चाय पिला दी गई. बस फिर क्या था इस मामले को लेकर एसडीएम डीपी द्विवेदी ने फूड इंस्पेक्टर राकेश कान्हूआ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. 3 दिन में इस नोटिस का जवाब मांगा गया है. वही कलेक्टर संदीप जीआर ने नोटिस को निरस्त कर दिया है.

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इस मामले को लेकर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने ट्वीट करते हुए कहा कि जिस अधिकारी ने कर्मचारी को नोटिस दिया है. उसे यह समझने की जरूरत है कि इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकती. कर्मचारियों से व्यक्तिगत खुन्नस निकालने वाले अधिकारी सचेत रहें, क्योंकि सादगी पसंद मुख्यमंत्री चाय की शिकायत करें यह मुमकिन नहीं है.

 

बता दें इस मामले को लेकर राजनगर अनुविभागीय अधिकारी ने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. लेकिन मामला संज्ञान में आते ही राजनगर कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी को आदेश देते हुए जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को निरस्त करने को कहा है. कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि मुख्यमंत्री की ओर से इस संबंध में या प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है. इसलिए इस कारण बताओ नोटिस को निरस्त करना सुनिश्चित किया जाए.

मुख्यमंत्री की ठंडी चाय से जुड़े इस मामले पर अब सियासी घमासान भी मचने लगा है. कांग्रेस के मीडिया प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मामा जी चाय वाले से आपको इतनी नफरत क्यों है. नफरत किससे है और निपट कौन रहा है. हालांकि, इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से कुछ भी नहीं कहा गया है.