साइबर अपराधों की रोकथाम तथा बेहतर कार्यवाही हेतु आयोजित हुई पुलिस की प्रशिक्षण कार्यशाला

mukti_gupta
Published on:

इंदौर। साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु इसके लिए की जाने वाली कार्रवाई एवं नई नई तकनीको से पुलिस भी परिचित हो इसी उद्देश्य से पुलिस आयुक्त नगरी इंदौर हरिनारायण चारी मिश्र एवं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) राजेश हिंगणकर व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) मनीष कपूरिया के मार्गदर्शन में लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करने के साथ ही इंदौर पुलिस के अधिकारियों कर्मचारियों के लिए भी समय-समय पर साइबर अपराधों के संबंधित प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में पुलिस उपायुक्त ज़ोन-4 आर.के. सिंह के निर्देशन में आज दिनांक 12 नवंबर 2022 को नगरीय पुलिस ज़ोन 4 के पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए सहायक पुलिस आयुक्त जूनी इंदौर दिशेष अग्रवाल जोनल स्तर पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें थाना प्रभारी भंवरकुआं शशिकांत चौरसिया, थाना प्रभारी रावजी बाजार प्रीतम सिंह ठाकुर, थाना प्रभारी छत्रीपुरा पवन सिंघल, थाना प्रभारी सराफा सुनील शर्मा, थाना प्रभारी अन्नपूर्णा गोपाल परमार, थाना प्रभारी पंढरीनाथ सतीश पटेल सहित जोन 4 के समस्त थानों से 3-3 उप निरीक्षक एवं  1-1 सउनि एवं प्रधान आरक्षक सहित कुल 50 पुलिस अधिकारियों ने सम्मिलित होकर प्रशिक्षण में भाग लिया।

कार्यशाला में सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को साइबर क्राइम के प्रकार, एटीएम फ्रॉड, फाइनेंशियल फ्रॉड, पुलिस के सामने आने वाली चुनौतियां, विभिन्न एजेंसी से मांगी जाने वाली जानकारी के प्रकार और प्रारूप के बारें मे विस्तृत रूप से बताते हुए वित्तीय अपराध, ओटीपी फ्रॉड एवं सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों की जानकारी दी गई।

फाइनेंसियल फ्रॉड में बैंकों से किस तरह जानकारी प्राप्त की जाए। व्हाट्सएप , फेसबुक , इंस्टाग्राम, gmail से किस तरह जानकारी प्राप्त की जाए एवं आरोपी तक किस तरह पहुंचा जाए इन बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया गया।

Also Read: Indore : नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास मेले का 11 नवम्बर से 14 नवम्बर तक गुलमर्ग परिसर में होगा आयोजन

प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य थाने के स्टाफ को साइबर अपराधों के संबंध जागरूक एवं प्रशिक्षित करना है, ताकि थाने पर साइबर अपराध पीड़ित जब थाने पर अपनी शिकायत लेकर उपस्थित हो तो उस शिकायत का थाना स्तर पर ही उसकी जाँच कर उचित कार्यवाही की जा सके