इंदौर (Indore News) : कलेक्टर श्री मनीष सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन भू माफ़ियाओं पर सतत् रूप से कार्रवाई कर रहा है। नागरिकों से लिखित शिकायत प्राप्त होने पर रमेश मंगल और राजेश मंगल द्वारा ग्राम पिपलिया कुमार में ज़मीन की धोखा धड़ी किए जाने के तथ्य उजागर हुए हैं। दूसरों की ज़मीन में धोखा धड़ी कर हेरा-फेरी के इस मामले में एसडीएम जूनी द्वारा आज कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया गया है।
यह प्रकरण ग्राम पिपलियकुमार, खसरा नम्बर 15/1 , रकबा लगभग 8 acre ,अनुमानित मूल्य लगभग रु 200 करोड़ से अधिक में हुई धोखाधड़ी से सम्बंधित है । यहाँ पर भूखंड नम्बर 37 जेओ रतनकुंवर का है उसे फिर स्वयं के परिवार के नाम करते हुए मर्सेडीज/ बीएमडब्लू/ जैगुआर कार के शोरूम बना लिया गया। इसी प्रकार की अनेक शिकायती आवेदन प्राप्त होने पर जाँच की गयी तथा कारण बाताओ नोटिस जारी कर जवाब माँगा गया है
एसडीएम जूनी द्वारा रमेश पिता माणक चन्द्र मंगल और राजेश पिता रमेशचंद्र मंगल निवासी श्रद्धानंद मार्ग इंदौर को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है।
जारी नोटिस में कहा गया है कि विक्रेता कमल पिता सालगराम द्वारा ग्राम पिपल्याकुमार स्थित सर्वे क. 15/1 पर निर्मित किये गये भूखण्डो की रजिस्ट्री अलग-अलग केताओं को निष्पादित की गई थी। उन रजिस्ट्रीयो में उभय रूप से ये अंकित है कि, कमल पिता सालगराम तथा रमेशचन्द्र पिता माणकचन्द्र मंगल के मध्य एक संविदा / विकय अनुबंध लेख दिनांक 21/01/1981 को निष्पादित हुआ था। कमल द्वारा निष्पादित रजिस्ट्रीयों में रमेश पिता माणकचन्द्र मंगल के हस्ताक्षर अंकित है।
स्पष्ट होता है कि मूल सौदा आपके तथा केता के मध्य ही हुआ था पर रजिस्ट्री कमल पिता सालगराम द्वारा स्वयं तथा आपके मध्य हुए विक्रय अनुबंध / संविदा के आधार पर निष्पादित की गई थी।
विक्रेता कमल पिता सालगराम ग्राम पिपल्याकुमार स्थित भूमि सर्वे क. 14 का कभी भूमिस्वामी नही रहा है। तथापि उक्त सर्वे क. 14 का कमल पिता सालगराम को भूमिस्वामि बताते हुए आप आम मुख्त्यार रमेश पिता माणकचन्द्र मंगल द्वारा उक्त सर्वे क. 14 का का पार्ट विक्रय किया गया।
विकय पत्र अन्तर्गत आममुख्त्यार का रजिस्टर्ड का कमाक भी उल्लेखित नहीं किया गया है व सर्वे कमाक 14 का पार्ट हस्तलिखित जोड़ा गया है प्रथमदृष्टया आपके द्वारा किया गया उक्त कृत्य धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। आप आम मुख्त्यार रमेश पिता माणक चन्द्र मंगल द्वारा दिनांक 30/12/1995 को निष्पारित की गई रजिस्ट्री कमाक 2000, 2001, 2002 व 2003 द्वारा अपने ही परिजनों को सर्वे नम्बर 14 पार्ट 15/1 व 18/1 का विक्रय किया गया है।
आप आम मुख्त्यार रमेश पिता माणक चन्द्र मंगल द्वारा यह तथ्य भलीभाति जानते हुए कि सर्वे नम्बर 14 पार्ट कमल पिता सालगराम के स्वामित्व आधिपत्य का नही है सर्वे नम्बर 14 पार्ट को रजिस्ट्री में कमल पिता सालगराम की भूमि अंकित करते हुए धोखाधड़ी पूर्वक उक्त भूमि को स्वयं के परिजनों को बिक्री की उक्त रजिस्ट्रीयों में एक रजिस्ट्री मंगल एम्यूजमेंट पार्क प्रा०लि० को भी की गई है जिससे डायरेक्टर राजेश पिता रमेश मंगल है जो आप आम मुख्त्यार का पुत्र हैं।
इस प्रकार आप आम मुख्त्यार रमेश मंगल तथा आप के पुत्र राजेश मंगल द्वारा आपसी मिली भगत कर षड़यंत्र पूर्वक भूमि सर्वे नम्बर 14 पार्ट को स्वयं के नाम अतरित कर ली जो कमल पिता सालगराम की कभी रही ही नहीं। इसी प्रकार इसी सर्वे नम्बर की भूमि की रजिस्ट्री इंदोर पब्लिसिंग एण्ड ग्राफिक प्रा०लि० को भी की गई जिसमें भी डायरेक्टर के रूप में राजेश पिता रमेश मंगल शामिल है।
उपरोक्त बिन्दु से यह स्पष्ट होता है कि सर्वे नम्बर 14 पार्ट के भूमि स्वामी कमल पिता सालगराम न होकर कोई अन्य भूमि स्वामी होने के बावजूद आप रमेश मंगल द्वारा अपंजीकृत आम मुख्यार के आधार पर अपने ही परिजनों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया उक्त कृत्य धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। जिसमें आप के पुत्र राजेश पिता रमेशचंद्र मंगल की सहभागिता भी प्रतीत होती है।
एक अस्पष्ट / अपंजीकृत विक्रय अनुबंध / संविदा के आधार पर आप आम मुख्त्यार रमेश पिता माणकचन्द्र मंगल द्वारा केताओं को विक्रय पत्र निपादित किये गये जब कि. नियमानुसार ऐसे अनुबंध के आधार पर विक्रय तभी किया जा सकता है जब कि, अनुबंध पर सम्यक पंजीयन शुल्क अदा किया गया हो। “इससे यह स्पष्ट है कि इस कृत्य से शासन को आर्थिक हानि कारित की गई है।