ACRSICON 2023 के पहले दिन, कोलोरेक्टल सर्जरी और पायलोनिडल साइनस पर हुई चर्चा

RishabhNamdev
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इंदौर, 29 सितंबर 2023। इंदौर में एसोसिएशन ऑफ कोलन एंड रेक्टल सर्जन्स ऑफ इंडिया की तीन दिवसीय 46वीं एनुअल नेशनल कांफ्रेंस – ACRSICON 2023 की शुरुआत हुई। 1अक्टूबर 2023 तक चलने वाली इस कांफ्रेंस के पहले दिन कोलन और रेक्टल सर्जरी के क्षेत्र के देश भर से सर्जन शामिल हुए। रेडिसन ब्लू होटल में इंदौर की जीआई प्रोक्टो सर्जन सोसाइटी द्वारा एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (एएसआई) इंदौर सिटी चैप्टर के सहयोग से शुरू हुई इस कॉन्फ्रेंस में क्षेत्र में अनुभवी और कुशल सर्जन्स द्वारा कोलन और रेक्टल सर्जरी में अपने कठिन केसेस पर गेस्ट लेक्चर, महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत, विशेषज्ञों के साथ पैनल डिस्कशन, पोस्टर और रिसर्च पेपर प्रेजेंटेशन, लाइव ऑपरेटिव वर्कशॉप और हाल में हुई तकनीकी प्रगति पर सेमिनार किये। कांफ्रेस में आए देशभर के 700 से अधिक सर्जन्स ने कोलोरेक्टल सर्जरी के इतिहास एवं इसमें हो रही नई तकनीक, गुदा द्वार में दर्द, बड़ी आंत, बच्चों में रेक्टल प्रोलेप्स, गुदा चोटें, रेक्टल कैंसर, एनोप्लास्टी एवं पायलोनिडल साइनस जैसे मुद्दों पर चर्चा की।

पायलोनिडल साइनस पर जानकारी देते हुए मुंबई के डॉ कुशल मित्तल के अनुसार ” पायलोनिडल साइनस स्किन में छोटा सा एक छेद बन जाता है जो पस से भरा हुआ होता है। कभी-कभी इसमें थोड़ी मात्रा में खून भी हो सकता है। यह आमतौर पर कूल्हे के ऊपर या पीठ के निचले हिस्से में होता है।

पायलोनिडल साइनस सिस्ट का रूप है जिसमें पस और खून के अलावा बाल और गंदगी भी भर जाते हैं। जिसके कारण मरीज को काफी तेज दर्द होता है। पायलोनिडल साइनस से खून एवं मवाद स्राव के साथ साथ बदबू भी आती है। पायलोनिडल साइनस की सर्जरी आजकल मिनिमल इनवेसिव तकनीक के द्वारा भी संभव है, जिसमें छोटा चीरा लगाकर, कम दर्द के साथ इससे निजात पाई जा सकती है।”

कोलोरेक्टल सर्जरी के बारे में कांफ्रेंस के प्रवक्ता डॉ अपूर्व चौधरी ने बताया “कोलोरेक्टल सर्जरी कोलन, गुदाशय और गुदा पर की जाने वाली सर्जरी प्रक्रियाओं के लिए व्यापक शब्द है। कोलोरेक्टल सर्जरी में गुदा कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, कब्ज से संबंधित गंभीर जटिलताओं, गुदा चोटें, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की सूजन संबंधी स्थितियां और जन्मजात दोष का उपचार किया जाता है। कोलोरेक्टल सर्जरी में प्रोक्टोस्कोपी, सिग्मोइडोस्कोपी और प्रोक्टोग्राफी पूरी करने के बाद सर्जरी की जाती है।