MP में बनी नई स्टार्टअप पॉलिसी, सांसद शंकर लालवानी के सुझावों को मिली अहमियत

Piru lal kumbhkaar
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सांसद शंकर लालवानी(MP Shankar Lalwani) इंदौर को स्टार्टअप कैपिटल बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है और उन्हीं के आग्रह पर प्रदेश सरकार ने नई स्टार्टअप पॉलिसी(startup policy) बनाई है जिसमें सांसद शंकर लालवानी के कई सुझावों को शामिल किया गया है।

 

सांसद लालवानी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इंदौर को स्टार्टअप कैपिटल की तरह डेवलप करने, 1 करोड़ रु तक का सीड फंड देने, महिला उद्यमियों को अतिरिक्त छूट देने, लीज और रेंटल में सहायता देने एवं वेंचर कैपिटल फंड बनाने जैसे कई अहम सुझाव शामिल किए है।

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सांसद शंकर लालवानी ने नई पॉलिसी का स्वागत करते हुए कहा कि मा.प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश स्टार्टअप नेशन के तौर पर आगे बढ़ रहा है और मा. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के मार्गदर्शन में इंदौर स्टार्टअप हब बनेगा।

सांसद लालवानी ने कहा कि इंदौर एवं प्रदेश के युवाओं में अथाह संभावनाएं है और स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने की आवश्यकता है।

15 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेशनल स्टार्टअप डे मनाने की घोषणा के तुरंत बाद ही सांसद शंकर लालवानी ने इंदौर को स्टार्ट अप कैपिटल के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे।

इसी कड़ी में सांसद शंकर लालवानी की पहल पर स्टार्ट इन इंदौर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 26 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सम्मिलित हुए और लालवानी के आग्रह पर उन्होंने जल्द ही स्टार्टअप पॉलिसी लाने का ऐलान भी किया।

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इसके बाद सांसद शंकर लालवानी ने टाई-मध्यप्रदेश के साथ मिलकर कई स्टार्टअप को फंडिंग के अवसर उपलब्ध करवाएं। साथ ही, सांसद सेवा संकल्प के अंतर्गत 75 स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया गया। इसमें से 25 स्टार्टअप को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड़ ने सम्मानित भी किया।

सांसद शंकर लालवानी आने वाले दिनों में आईएमए, वायआई (सीआईआई), एआईसीसी प्रेस्टीज, वर्की, इकोसिस्टम वेंचर्स जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर इंदौर के स्टार्टअप्स को आगे बढाने के लिए योजना बना चुके हैं।

सांसद शंकर लालवानी भारत सरकार की ओर से दुबई जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल है और वे वहां टाई-दुबई एवं अन्य निवेशकों से भी बात करेंगे जिनसे इंदौर के स्टार्टअप्स में निवेश के लिए चर्चा करेंगे।

नई स्टार्टअप पॉलिसी प्रमुख के प्रावधान निम्‍नानुसार हैं:-
I. प्रदेश में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र का विकास हेतु स्‍टार्टअप्‍स एवं इन्‍क्‍यूबेटर्स को निवेश सहायता, कार्यक्रम आयोजन सहायता, लीज रेन्‍टल सहायता, विस्‍तार हेतु सहायता, पेटेंट सहायता इत्‍यादि प्रदान की जावेगी ।
II. माननीय प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्‍पाद आधारित स्टार्ट-अप (Manufacturing/Product Start-ups) की संख्‍या में वृद्धि हेतु उन्‍हे विशिष्‍ट सुविधाएं यथा रोजगार सृजन एवं कौशल विकास सहायता, विद्युत शुल्‍क में छूट एवं विद्युत दरों में रियायत इत्यादि प्रदान की जावेगी ।
III. महिलाओं द्वारा स्‍थापित स्‍टार्ट-अप्‍स को अतिरिक्‍त 20 प्रतिशत की सहायता।
IV. स्कूल/महाविद्यालयीन स्तर से छात्रों में नवाचार एवं स्टार्ट-अप की भावना जागृत करने के लिए विशेष कार्यक्रम।
V. शैक्षणिक पाठ्यक्रम में उद्यमिता विकास को सक्रिय रूप से शामिल किया जाना। छात्रों को उद्यमिता की ओर आकर्षित करने के लिए इंटर्नशिप को प्रोत्‍साहित किया जावेगा।
VI. नवाचार चुनौती कार्यक्रम के माध्‍यम से प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक समस्‍याओं के निदान हेतु प्रयास। चयनित स्टार्ट-अप/ नवाचारी को रू. 1.00 करोड़ की विशेष प्रोत्‍साहन सहायता।
VII. स्टार्ट-अप के फेसिलिटेशन एवं नीति अंतर्गत सहायता प्रदान करने के लिये विशेषज्ञों यथा वित्‍त एवं परियोजना प्रबंधन, विपणन तथा कानूनी मामले की टीम के साथ भोपाल में पृथक से स्‍टार्टअप सेंटर की स्‍थापना।
VIII. भारत सरकार में मान्‍यता प्राप्‍त स्टार्ट-अप में उच्‍च विकास दर प्राप्त करना, कृषि और खाद्य क्षेत्र में स्टार्ट-अप के विकास हेतु विशेष फोकस।
IX. नवीन इन्‍क्‍यूबेशन सेंटर की स्‍थापना एवं विद्यमान इन्‍क्‍यूबेशन सेंटर्स में क्षमता विस्‍तार।
X. स्टार्ट अप्‍स को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एवं राष्‍ट्रीय स्‍तर पर स्‍थापित करने हेतु उनकी मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग में सहयोग।
XI. मध्‍यप्रदेश वेंचर फायनेंस लिमिटेड तथा मध्यप्रदेश वेंचर फाइनेंस ट्रस्टी लिमिटेड का मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम में संविलयन (Merger) ताकि भविष्‍य में स्‍टार्टअप्‍स को फंण्डिंग सहायता हेतु विशिष्‍ट वेंचर केपीटल फण्‍ड निर्मित किया जा सके।
XII. स्‍टार्ट-अप हेतु एक सुदृढ् ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जावेगा जो समस्‍त संबंधित हित धारकों के लिए सम्‍पर्क सेतु का कार्य करेगा। पोर्टल को भारत सरकार के स्‍टार्ट-अप पोर्टल से एकीकृत किया जावेगा। पोर्टल के माध्‍यम से सुविधाओं का लाभ प्रदान करने को प्राथमिकता दी जावेगी।
XIII. स्‍टार्ट-अप तथा नवाचार को प्रोत्‍साहित करने तथा उन्‍हें आवश्‍यक तकनीकी एवं मार्गदर्शी सहयोग प्रदान करने के लिए उन्‍हें राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य स्‍तर के तकनीकी एवं प्रबंधन संस्‍थानों/विश्‍वविद्यालयों एवं अन्‍य अकादमिक संस्‍थानों से आवश्‍यक सहायता एवं भागीदारी प्राप्‍त की जावेगी।
XIV. ईज ऑफ डूईंग बिजनेस (EODB) अंतर्गत स्‍टार्ट-अप्‍स एवं इन्‍क्‍यूबेटर्स को आवश्‍यक अनुमति/सम्‍मतियों के लिए कार्योत्‍तर स्‍वीकृति (Post Facto) की व्‍यवस्‍था की जावेगी। मध्‍यप्रदेश पब्लिक सर्विस गारन्‍टी अधिनियम, 2010 में प्रावधान अनुरूप मान्‍य अनुमोदन (Deemed Approval) भी प्रदान किया जावेगा।
XV. रूपये 1 करोड् तक की शासकीय निविदा में भाग लेने वाले स्‍टार्ट-अप उद्यम को अनुभव एवं टर्नओवर संबंधी शर्तों/मापदण्‍डों से छूट प्रदान की जावेगी एवं समस्‍त निविदाओं NIT/RFP में सुरक्षा निधि (Security Deposit)/ बयाना राशि (EMD) से छूट प्राप्‍त होगी।
XVI. स्‍टार्ट-अप्‍स में नकद तरलता की कमी (Liquidity Crunch) को दूर करने के लिये राज्‍य शासन के निगम/मण्‍डलों तथा प्रमुख विभागों को यथासंभव भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिकृत TREDS Platform (Trade Receivable Discounting System) से जोडा जावेगा।