MP Weather: मध्य प्रदेश में जारी हुआ बारिश का अलर्ट, मालवा को करना होगा 17 जून का इंतजार

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MP Weather: मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी से त्रस्त हुए लोग अब बारिश का इंतजार कर रहे हैं. केरल में मानसून की गतिविधियां तेज हो गई है जिसका असर अब जल्दी दिखाई देगा. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मध्य प्रदेश में अगले कुछ घंटों के दौरान धूल भरी हवाओं के साथ बारिश हो सकती है. भोपाल तक बादल पहुंच चुके हैं और अगले कुछ घंटे में सीहोर, दमोह, उमरिया, रायसेन, शहडोल, बालाघाट, जबलपुर, अनूपपुर, मंडला, सिवनी और डिंडोरी में 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और साथ में पानी की बौछार भी गिरेगी. इसके अलावा भिंड, पन्ना, कटनी, मुरैना, नरसिंहपुर, सागर, छतरपुर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, और छिंदवाड़ा इलाके में 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान लगाया गया है, साथ ही यहां पर बारिश हो सकती है.

बता दे कि 75 साल में 41वीं बार ऐसा हुआ है जब केरल में मानसून ने तय समय से 3 दिन पहले दस्तक दी है. पिछली बार जब मानसून आया था तब सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी. मौसम विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई है कि केरल के अधिकांश इलाकों में मानसून सक्रिय हो गया है. बात अगर इंदौर की करें तो इंदौर सहित पूरे मालवा में 17 जून के बाद मानसून आ जाएगा पिछले साल 12 जून को ही मानसून आ गया था. हालांकि प्री मानसून की शुरुआत कहीं कहीं देखी गई है पिछले साल मई के आखिर में ही प्री मानसून शुरू हो गया था, लेकिन इस बार थोड़ी कम हलचल देखी जा रही है. जानकारी के अनुसार 5 जून तक मौसम साफ रहेगा.

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मध्य प्रदेश के सागर, रीवा, चंबल ग्वालियर और जबलपुर में हल्की हल्की बारिश हो रही थी, लेकिन अब कहा जा रहा है कि पश्चिम से आने वाली हवाएं नहीं आ रही है जिसके चलते प्री मानसून की बारिश नहीं देखी जाएगी. पश्चिम से आ रही हवाओं का रुख छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों की ओर हो गया है, जिससे यहां पर बारिश हो रही है. मध्यप्रदेश में इसका असर नहीं दिख रहा है इसलिए अगले 3 दिन तक कहीं भी बारिश नहीं होगी बल्कि उमस बढ़ सकती है. यह बताया जा रहा है कि मानसून नजदीक है इसलिए तापमान ज्यादा नहीं बढ़ेगा लेकिन उमस लोगों को परेशान कर सकती है. जून के पहले सप्ताह में बारिश के आसार जताए जा रहे हैं लेकिन अभी सिस्टम नहीं बना है.

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मध्य प्रदेश में मानसून बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में हो रही गतिविधियों के ऊपर ही निर्भर रहता है. बंगाल की खाड़ी में फिलहाल गतिविधियां देखी जा रही है लेकिन अरब सागर में कुछ भी हलचल नहीं है. जब यहां गतिविधियां बढ़ेंगी तो मानसून मध्यप्रदेश में अपना असर दिखाना शुरू करेगा.