सबसे सूखा अगस्त: 122 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा, मौसम विभाग की चेतावनी: नॉर्थ-ईस्ट और दक्षिणी इलाकों में अच्छी बारिश की संभावना कम

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By Rishabh NamdevPublished On: August 30, 2023

देश का अगस्त महीना अपने आखिरी दिनों में है और वर्ष 2023 के अगस्त महीने की बारिश में कमी देखने को मिल रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो दिनों में नॉर्थ-ईस्ट के कुछ राज्यों और दक्षिणी इलाकों को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना कम है।

अगस्त का रिकॉर्ड: सबसे गर्म अगस्त की संभावना

सबसे सूखा अगस्त: 122 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा, मौसम विभाग की चेतावनी: नॉर्थ-ईस्ट और दक्षिणी इलाकों में अच्छी बारिश की संभावना कम

इस वर्ष के अगस्त महीने ने बरसात के इतिहास में नया पृष्ठ जोड़ दिया है। 1901 से लेकर 2023 तक का सबसे सूखा अगस्त महीना बन गया है। पूर्वोत्तर और हिमाचल-उत्तराखंड को छोड़कर मानसून ब्रेक के चलते अगस्त महीने में बारिश की कमी आई है। इस कारण अगस्त का औसत तापमान 27.55 डिग्री सेल्सियस हो गया है, जबकि 29 दिनों का औसत इससे ऊपर रहा है। इसी प्रकार की प्रवृत्ति के आधार पर, अगस्त के अंत में यह संभावना है कि इस अगस्त को आपातकालीन गर्मी से गुजरना पड़ सकता है।

बारिश की कमी: एक नए रिकॉर्ड की ओर

अब तक के 29 दिनों में अगस्त महीने में 25 दिनों में सामान्य से कम बारिश हो पाई है। इसका मतलब, मानसून के इस चरण में कमी हो रही है। वास्तव में, अगस्त माह में मानसून का तीसरा ब्रेक जारी है जिसका प्रभाव इस सप्ताह के अंत तक बना रहेगा। अगस्त के अंत में, यह ब्रेक इतिहास में चौथा सबसे बड़ा मानसून ब्रेक बन सकता है। इस महीने में बारिश में 33% की कमी दर्ज की गई है, जो और भी बढ़ सकती है। अगस्त में बारिश की इस स्थिति को देखते हुए, यह तय हो सकता है कि यह अगस्त महीने में सबसे अधिक बारिश की कमी हो सकती है।

मानसूनी बारिश में 9% की कमी दर्ज की गई है। दक्षिण भारत में 61% कमी, मध्य भारत में 44% कमी और उत्तर पश्चिमी भारत में 35% तक कमी दर्ज की गई है। 29 अगस्त तक भारत में सामान्य स्थिति में 241 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन वास्तविकता में केवल 160 मिमी बारिश हुई है। इसका मतलब मानसूनी बारिश में 9% की कमी हो गई है। इसी रूप में, सितंबर महीने में सामान्य बारिश होने की आशा है, लेकिन इस समय तक के पूरे मौसम में भरपूर बारिश की संभावना बढ़ती नहीं दिख रही है। अगर ऐसा ही रहा तो यह आठ सालों के अंदर में सबसे कम बारिश वाला मौसम बन सकता है।

मानसून की आखिरी बूँदें: सितंबर में आशा

मौसमी मॉडल के अनुसार, सितंबर के पहले हफ्ते के बाद लगभग 10 दिन तक इस मौसम सीज़न की आखिरी बूँदें गिर सकती हैं। हालांकि, इसके साथ ही इसका संकेत भी है कि पश्चिमी भारत में मानसून की विदाई का समय आगामी 15 या 16 सितंबर से पहले ही आ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून की विदाई की स्थिति अभी भी अनिश्चित है। आमतौर पर, पश्चिमी राजस्थान से इसकी विदाई की शुरुआत 17 सितंबर के आस-पास होती है।

बारिश में कमी के पीछे का कारण

इस वर्ष, अगस्त महीने में दूसरी बार मानसून ब्रेक की स्थिति दिखाई दी है, जो पिछले 20 सालों में पहली बार हुई है। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले मानसूनी सिस्टम इस बार कम बलवान बने हैं जिसका प्रभाव बारिश पर नहीं पड़ा। मानसूनी ट्रफ लाइन भी हिमालय की तराई में प्रवृत्त हो चुकी है। मध्य भारत के आसपास अभी भी बारिश के लिए कोई मजबूत सिस्टम नहीं मौजूद है।