प्रयागराज। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) का शव संदिग्ध हालत में मिलने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। इसी कड़ी में अब पुलिस ने उनके शिष्य आनंद गिरी पर शिकंजा कसना शुरू किया है। उन्हें हरिद्वार में हिरासत में लिया गया है। वहीं आनंद गिरी ने कहा है कि गुरुजी कभी आत्महत्या नहीं कर सकते, उनकी हत्या हुई है। उन्होंने कुछ अधिकारियों पर ही गंभीर आरोप लगाकर साजिश करने की बात कही है। आनंद गिरी ने कहा कि आईजी स्वयं इसमें संदिग्ध हैं. आईजी लगातार नरेन्द्र गिरी के संपर्क में रहते थे।
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साथ ही आनंद गिरी का आरोप लगाते हुए कहा कि मठ और मंदिर का पैसा हड़पने वालों ने महंत जी की हत्या की। इस साजिश में मठ के कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं। करोड़ों का खेल हैं। इसमें एक सिपाही अजय सिंह भी है. यही लोग उनकी हत्या कर सकते हैं। आनंद गिरी का आरोप है कि इस घटना में पुलिस के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
आनंद गिरी का आरोप है कि महंत नरेंद्र गिरी को मारकर मुझे फंसाने की साजिश है. इसमें पुलिस के बड़े अधिकारी ही शामिल हैं। मैं जांच की मांग करता हूं. उनके खिलाफ बहुत बड़ी साजिश की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनीष शुक्ला जिनकी उन्होंने शादी महंत नरेंद्र गिरी ने कराई थी। उसे पांच करोड़ का मकान दिया। इसके आलावा अभिषेक मिश्र भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए।
संदेह के घेरे में आए आनंद गिरी ने आरोप लगाया कि आईजी स्वयं इसमें संदिग्ध हैं। आईजी लगातार उनके संपर्क में रहते थे। आईजी क्लोजली इस विषय को वॉच कर रहे थे और उनके साथ पारिवारिक संबंध थे। यह पूरी तरह से जांच का विषय है। उनके खिलाफ बहुत बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है। मुझे फंसा कर इस केस को रफा दफा करने की कोशिश की जा रही है। यही षड्यंत्र है। एक तीर से दो निशाने करने के लिए चालबाज लोग साजिश कर रहे हैं। आपको बता दें कि, महंत नरेंद्र गिरी के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला है। इस सुसाइड नोट में तीन लोगों के नाम दिए गए हैं। इसमें आद्या तिवारी, संदीप तिवारी और आनंद गिरी के नाम शामिल हैं। इसके सामने आने के बाद पुलिस ने इन लोगों की ओर जांच शुरू कर दी है। इसी के बाद आनंद गिरी को हरिद्वार में हिरासत में लिया गया है।