Liver Cancer : भारत में लिवर से जुड़ी बीमारियों, जैसे फैटी लिवर और लिवर सिरोसिस, के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही, लिवर कैंसर के मामलों में भी इजाफा हो रहा है। अधिकतर समय, लिवर कैंसर की पहचान देरी से होती है, जो स्थिति को और गंभीर बना देती है। लिवर कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जिनमें हेपाटोसेलुलर कार्सिनोमा (एचसीसी) सबसे आम है। यह बीमारी फैटी लिवर से शुरू हो सकती है, और यदि इसे अनदेखा किया गया तो यह लिवर सिरोसिस का कारण बन सकती है।
Liver Cancer : लिवर कैंसर के कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि लिवर फाइब्रोसिस, सिरोसिस, क्रोनिक हेपेटाइटिस, या फैटी लिवर रोग वाले लोगों में एचसीसी का खतरा अधिक होता है। भारत में, एचसीसी का मुख्य कारण हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) संक्रमण है, इसके बाद हेपेटाइटिस सी आता है। लिवर कैंसर के प्रति जागरूकता की कमी के कारण, यह आमतौर पर अंतिम चरण में सामने आता है, जिससे मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है।
Liver Cancer : अन्य जोखिम कारक
डायबिटीज और उच्च कोलेस्ट्रॉल भी लिवर कैंसर के कारण बन सकते हैं। मणिपाल हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. राजीव लोचन के अनुसार, एचसीसी आमतौर पर बिना लक्षणों के शुरू होता है। मोटापा, डायबिटीज, और कुछ आनुवंशिक कारण भी इस कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
Liver Cancer : लक्षण और पहचान
जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, मरीज को पेट दर्द, भूख न लगना और उल्टी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। लिवर सिरोसिस के मरीजों में पीलिया और पेट में तरल पदार्थ जमा होने जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
Liver Cancer : क्या HCC का इलाज संभव है?
HCC का इलाज संभव है, लेकिन यह शुरुआती पहचान पर निर्भर करता है। नियमित स्क्रीनिंग के माध्यम से इसे जल्दी पहचानना संभव है। सर्जिकल रिसेक्शन (हेपेटेक्टोमी) और लिवर ट्रांसप्लांट जैसे उपायों से मरीजों की जान बचाई जा सकती है।