गुजरात के जूनागढ़ में कावासाकी बीमारी का पहला मामला सामने आया है। यह बीमारी आमतौर पर कम देखने को मिलती है, लेकिन इस वर्ष जूनागढ़ के गिर सोमनाथ के तलाला गांव में एक 6 साल की बच्ची में इसके लक्षण पाए गए हैं। फिलहाल, बच्ची को जूनागढ़ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसे इस बीमारी के लिए प्राथमिक उपचार दिया गया है।
बच्ची को गंभीर लक्षणों के बाद सिविल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां इस बीमारी की पुष्टि हुई। डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची की हालत अब स्थिर है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। यह बताया गया है कि उस क्षेत्र में कावासाकी बीमारी का यह पहला मामला है, और अभी तक ऐसा कोई दूसरा मामला सामने नहीं आया है।
कावासाकी रोग क्या है?
कावासाकी रोग एक गंभीर स्थिति है, जो शरीर की रक्त वाहिकाओं से जुड़ी होती है। इस बीमारी में रक्त वाहिकाओं की दीवारें सूज जाती हैं, जिससे हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां कमजोर हो जाती हैं। गंभीर मामलों में यह हृदय विफलता या दिल का दौरा भी कर सकती है। आमतौर पर, रोग के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर दाने, हाथों और गले में सूजन, और लाल आंखें शामिल होते हैं।
यह रोग एक प्रकार का सिंड्रोम है, जिसका कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। अधिकांश मामलों में यह बीमारी पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इसके लक्षणों में दाने, सूजन, और बुखार शामिल हैं, जो अक्सर पांच दिन से अधिक समय तक रहते हैं।
कावासाकी के लक्षण
कावासाकी रोग के लक्षणों में शामिल हैं:
- रक्त वाहिकाओं में सूजन
- मुंह और जीभ का लाल होना
- बुखार
यह ध्यान देने योग्य है कि कावासाकी रोग संक्रामक नहीं है, यानी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। अक्सर यह रोग अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन गंभीर लक्षणों की स्थिति में यह हृदय पर भी प्रभाव डाल सकता है। अधिकांश मामले सर्दियों के दौरान होते हैं।