मनमोहन और मोदी की सरकारों में ये फर्क बता दिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने

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मनमोहन सिंह की सरकार(Manmohan Singh’s government) में कम्युनिकेशन, कॉमर्स, पावर और इंडस्ट्री जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके और वर्तमान मोदी सरकार(modi government) के नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया(Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार और डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकारों के बीच तुलना को मुश्किल काम बताते हुए कहा कि दोनों के काम करने के तौर तरीके में जमीन और आसमान का अंतर है।

सिंधिया एक समाचार चैनल द्वारा राजनीति, शासन और संस्कृति क्षेत्र के लोगों के साथ खुली चर्चा के एक विशेष आयोजन में आमंत्रित थे। उन्होंने विभिन्न विषयों पर चर्चा के दौरान मोदी और मनमोहन सरकार के बीच तुलना के सवाल पर कहा कि दोनों के बीच तुलना करना मुश्किल है। दोनों के काम के तौर-तरीके में जमीन-आसमान का फर्क है। उन्होंने कहा,“ प्रधानमंत्री मोदी की सरकार रिजल्ट ओरियेन्टेड (result oriented) सरकार है। इस सरकार में निर्णय तेजी से होते हैं। मेरा चार माह का अनुभव है कि यह सरकार उत्पादकता (Productivity) चाहती है। इसके लिए पूरा सिस्टम काम करता है। ”

उन्होंने कहा कि वह राजनीति में आने से पहले बैंक अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने परिणाम और उत्पादकता उन्मुख वर्तमान सरकार में काम करने के अवसर को अपना सौभाग्य बताया।

हाल ही में सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को, सरकार ने 18,000 करोड़ रुपये में टाटा समूह को सौंपने का निर्णय लिया था इस पर सिंधिया ने कहा कि नागर विमानन क्षेत्र में इस एयरलाइन की अब एक नयी भूमिका तय होगी।

उन्होंने कहा कि देश में इस समय हर साल 14 करोड़ लोग विमान यात्रा कर रहे हैं। इसमें साल दर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। इसके विपरीत रेलवे के प्रथम और द्वितीय श्रेणी में यात्रियों की संख्या वार्षिक 18 करोड़ है। इसमें सालाना पांच प्रतिशत की वृद्धि है। इस तरह कुछ ही साल में विमानन क्षेत्र इस मामले में रेलवे को पीछे कर देगा।

ग्वालियर के राजघराने से ताल्लुक रखने वाले सिंधिया पांच बार संसद पहुंच चुके हैं। उनके पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के बड़े नेता थे। माधवराव सिंधिया पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे थे। माधवराव सिंधिया ने 1991 से 1993 तक राव सरकार में नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्रालयों को संभाला था। बाद में मनमोहन सिंह सरकार में ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र) प्रभार) रहे। अब मोदी सरकार में ज्योतिरादित्य अपने पिता की तरह ही नागर विमानन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।