श्रीनगर। अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को ख़तम किए जाने और पूर्ववर्ती राज्य के पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर में पहले चुनावों के लिए तैयारियां चरम पर है। साथ ही राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी कमर कस ली है। बता दे कि, जिला विकास परिषद् (डीडीसी) के पहले चुनाव आठ चरणों में होंगे जिनमें 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक 20 जिलों में 280 सदस्यों का चयन किया जाएगा। केंद्र शासित क्षेत्र में निर्वाचित सरकार की गैर मौजूदगी में ये परिषद् क्षेत्र में प्रशासन की नई इकाई बनने वाले हैं। वही, डीडीसी चुनावों के साथ 230 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) और 1200 पंचायत सीटों के लिए आठ चरणों में उपुचनाव होंगे।
बता दे कि, 2018 में पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने वाले बड़े क्षेत्रीय दल नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के बैनर तले चुनाव के मैदान में आये हैं। जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं। एक तरफ जहा भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं को अपने स्टार प्रचारक के तौर पर उतारा है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के स्थानीय नेता ही प्रचार कर रहे हैं।
राज्य चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने डीडीसी, पंचायतों और यूएलबी चुनावों के लिए सभी अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं। कर्मचारियों की तैनाती, प्रशिक्षण और अन्य जरूरतों सहित सभी प्रक्रियाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। वही पुलिस ने बताया कि, बाधारहित चुनाव कराने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और चुनावी प्रक्रिया के लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की और अधिक कंपनियां मंगाई जा रही हैं।