इंदौर(Indore News): गुड़ का स्वाद लगभग एक जैसा लोगों ने हमेशा लिया है। अगर इसके स्वाद और रंग-रूप में परिवर्तन आ जाये, तो यह और भी बेहतर हो जाता है। ऐसा ही कर दिखाया है इंदौर के एक गुड़ उत्पादक तथा कृषक जगदीश रणछोड़ चौधरी ने। उन्होंने अलग-अलग स्वाद के गुड़ बनाना प्रारंभ किया। गुड़ को छोटे-छोटे चौकोर तुकड़े (बाइट्स) में भी बनाना प्रारंभ किया। इनके द्वारा उत्पादित इस वैराइटी की गुड़ की लोकप्रियता बढ़ी और इनकी आमदनी में भी इजाफा हुआ। इस किसान के जीवन में गुड़ अब नयी मिठास घोल रहा है।
इंदौर जिले के ग्राम गुरान निवासी यह किसान विगत कई वर्षो से गन्ने की खेती कर रहे है। इसी बीच इनसे परियोजना संचालक आत्मा शर्ली जॉन थामस ने संपर्क किया। थामस ने इन्हें भारतीय गन्ना अनुसंधान केन्द्र लखनऊ में प्रशिक्षण लेने के लिये भेजा। इसके बाद इन्होंने 5 एकड़ में ट्रेंच विधि से गन्ना लगाया। उन्होने जैविक खेती की, इसमें उन्होने जीवामृत, गोबर खाद, केंचुआ खाद के वेस्ट डीकम्पोजर का उपयोग किया। फसल अवशेषो की खाद का भी उपयोग किया। अच्छा उत्पादन हुआ। इस किसान ने अब गन्ने की खेती से रोजगार व आय का नया साधन बना लिया।
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इन्होने गन्ने से बनने वाले गुड़ को कई फ्लेवर्स में बनाकर गुड़ बाईटस के रुप में बेचना प्रारंभ किया। यह जल्द ही लोकप्रिय हो गया है। इस संपूर्ण प्रक्रिया में सर्वप्रथम गन्ने को खेत पर साफ कर ट्रेक्टर ट्राली से गन्ना क्रशर में ले जाया जाता है। जहां से रस निकालने के बाद उसे तीन बार फिल्टर से छानकर भट्टियों में पलटाया जाता है। गुड़ का मैल साफ करने के लिए भिन्डी की जड़ व तने के रस का उपयोग किया जाता है। गुड़ पकने के बाद लकड़ी के चाक में निकालकर थोड़ा ठंडा होने पर इसमें तिल, मूंगफली, केसर, चाकलेट, सोंठ, अजवाइन, खोपरा, इलायची, ड्रायफ्रूट, आदि मिलाया जाता है और इसे स्टेनलेस स्टील के एक बाय एक इंच के क्यूब में जमाया जाता है।
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यह बहुत ही औषधीय एवं पौष्टिक गुणों से भरपूर बनता है। इन गुड़ बाईटस के छोटे पीस का वजन लगभग 20 से 25 ग्राम एवं बड़े पीस का वजन लगभग 400 से 500 ग्राम होता है। सामान्यतः बाजार में गुड़ 40 से 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है। जगदीश जी के यह परिवर्धित गुड़ 300 रूपये प्रति किलो तक घर से ही बिक जाता है। जगदीश चौधरी ने रोजगार व आय में वृद्वि के नये अवसर प्राप्त किये जिससे इन्होने अच्छा लाभ कमाकर अपनी आय में वृद्वि की।