Indore News: घर से लापता हुए मासूम भाई-बहन, 2 घंटे के बाद इंदौर पुलिस ने ढूंढ निकाला

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इंदौर: नाबालिग बच्चों से जुड़ी शिकायतों के मामले में गंभीरता से कार्यवाही करने के लिए कमिश्नर ऑफ पुलिस इंदौर हरिनारायण चारी मिश्र और असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस इंदौर मनीष कपूरिया ने निर्देशित किया है। इसी कड़ी में डीसीपी आशुतोष बागरी, एडिशनल डीसीपी जयवीर सिंह भदोरिया और एसीपी सौम्या जैन के मार्गदर्शन में राऊ पुलिस कार्य कर रही है।

राऊ पुलिस को गुरुवार दोपहर जानकारी मिली कि इलाके में रहने वाले नाबालिक भाई-बहन घर से लापता है। भाई की उम्र करीब 3.5 वर्ष और बहन की उम्र 2 वर्ष है। दोनो घर के बाहर खेल रहे थे। जब परिजन को दोनों बच्चे नहीं मिले तो उन्होंने तलाश शूरू की। काफी प्रयास के बाद भी जब कोई जानकारी नहीं मिली तो उन्होंने राऊ पुलिस को इसकी जानकारी दी। नाबालिक बच्चों की गुमशुदगी का मामला होने पर पुलिस हरकत में आई। थाना प्रभारी राऊ नरेंद्र रघुवंशी ने तुरंत एक टीम बनाई, इसमें एफआरबी और महिला डेस्क की टीम भी शामिल की गई।

करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी बच्चों की फोटो लेकर तलाश में निकले। बच्चों के लापता होने की जानकारी सोशल मीडिया पर भी वायरल की गई। घर के आसपास पुलिस में फोटो दिखाकर बच्चों के बारे में जानकारी लेना शुरू किया। आसपास सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी देखे गए। लोगों से बच्चों के बारे में पुलिस को जानकारी मिलती गई। करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद एक धर्म स्थल के पास दोनों बच्चे बैठे हुए मिले। दोनो बच्चों को राऊ थाने लाया गया। उनके मिलने की जानकारी परिवार को दी गई तो वे थाने पहुंचे। परिजन दोनों बच्चों को देख कर रोने लगे। उन्हें गले लगा कर प्यार और दुलार किया। बच्चों के सुरक्षित मिलने से भी काफी खुश थे।

दोनों बच्चे खेलते हुए घर से दूर निकल गए थे। रास्ता नहीं याद होने से वापस नहीं लौट पाए, इसलिए धर्म स्थल के पास ही बैठ गए थे। थाने लाने के बाद परिवार के आने तक दोनों बच्चों को पुलिस ने चिप्स और बिस्किट खाने को दिए। थाना प्रभारी राऊ ने उन्हे समझाया की इस तरह बिना बताए घर से नहीं जाए। परिजन को भी बताया कि बच्चे काफी छोटे हैं तो उनका ज्यादा ध्यान रखें।

उक्त बच्चो की बरमदगी मे थाना प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र सिंह रघुवंशी, सउनि महेश, सउनि रमेश किराडे , म.प्रआर.2843 पुष्पा चौहान आर.3139 ब्रजेश , आर.1233 अशोक , आर.3498 जितेन्द्र आर.2229 मनोहर,म.आर.1438 सीमा परमार की महत्वपूर्ण भुमिका रही ।