इंदौर(Indore): इंदौर के बुद्धिजीवियों ने आवास एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह(Minister Bhupendra Singh) से कहा कि मास्टर प्लान ऐसा आना चाहिए। जिसमें जमीन का उपयोग का बंटवारा सही हो ताकि कोई जमीन मालिक ना तो मालामाल हो सके और नहीं कंगाल हो। मंत्री ने कहा की वे 20 अप्रैल के बाद इंदौर आएंगे। सभी जानकारों से बात करेंगे। उसके बाद ही मास्टर प्लान जारी होगा। एक ही इलाके में कई जमीने ग्रीन बेल्ट में डाल देना अनुचित है। शहर के हिसाब से हर इलाके में जितनी जरूरत है, उतनी जमीन ही ग्रीन करना चाहिए। इसके साथ ही ग्रीन बेल्ट की जमीन का कोई उपयोग हो सके इसके भी प्रावधान सरकार को करना चाहिए।
शहर के बुद्धिजीवियों ने आज सुबह मंत्री भूपेंद्र सिंह से कहा कि 2008 में जो प्लानिंग की गई थी। उसके हिसाब से अभी तक जिन इलाकों में सड़कें चौड़ी हुई है वहां पर जिनके मकान और दुकान का नुकसान हुआ है। उनको टीडीआर पॉलिसी का फायदा अभी तक नहीं मिला। शहर में खेल के मैदान बढ़ाने के लिए नए मास्टर प्लान में हर इलाके में जगह का चयन करना चाहिए। झोनल और सेक्टर प्लान अभी तक नहीं बनाएं। नगर निगम ने इस मामले में सबसे ज्यादा लापरवाही की है। मास्टर प्लान में ग्रीन बिल्डिंग के सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सरकार को खास प्रायोजन करना चाहिए।
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मास्टर प्लान मास्टर प्लान में जो सड़कें और पुल पुलिया की जरूरत बताई जाती है, वह सब काम समय सीमा में होना चाहिए। मास्टर प्लान मे जो विकास की बातें कही जाती है उसमें से कौन सा काम इंदौर विकास प्राधिकरण, नगर निगम या अन्य एजेंसी करेगी। इसका खुलासा भी होना चाहिए। मास्टर प्लान की समीक्षा बैठक लगातार होना चाहिए। जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ विषय विशेषज्ञों को भी बुलाना चाहिए। जो सरकारी जमीनें बेची जा रही है, उन जगहों पर खेल मैदान, सिटी फॉरेस्ट वा हाकर्स झोन बनाना चाहिए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए सरकार को ज्यादा से ज्यादा इंतजाम करना चाहिए।
इसके साथ ही इंदौर में पार्किंग की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके लिए जगह जगह पर मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाना भी जरूरी है। मास्टर प्लान में जिन नए गांव को शामिल किया जाता है। वहां पर भी पब्लिक को सुविधा नहीं मिलती है। अभी तक जितने भी मास्टर प्लान बने हैं। उन सब की समीक्षा करना चाहिए जो पूर्व में दावे किए गए थे उन पर काम क्यों नहीं हुआ।
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यह देखना भी जरूरी है मंत्री भूपेंद्र सिंह से मिलने वालों में अजीत सिंह नारंग, सूरज शर्मा सहित सभी सामाजिक और विशेषज्ञों के संगठन के प्रतिनिधि शामिल थे। सभी का कहना था कि मास्टर प्लान जारी होने के पहले लगातार अफसरों को विशेषज्ञों से बात करना चाहिए। उसके बाद ही प्लान जारी हो। मंत्री ने सभी को आश्वस्त किया है कि कि वह इस बारे में जल्द ही कार्य योजना बनाकर अफसरों को विशेषज्ञों के सुझाव शामिल करने के लिए कहेंगे।
इंदौर का मास्टर प्लान जन भावनाओं के अनुरूप ही तैयार होगा – नगरीय प्रशासन मंत्री सिंह सभी बुद्धिजीवियों और वरिष्ठों के साथ चर्चा के बाद ही मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सभी अतिथियों से कहा की इंदौर का मास्टर प्लान देश का सबसे बेहतर होगा। इंदौर में आने वाले 100 सालो की जरूरत को देखते हुए प्लान बनाया जाए इसके लिए इंदौर के लोगो की पहल अदभुत है ।
मंत्री ने कहा की अपने शहर के लिए नागरिकों ऐसी जीवटता देश में कही नही दिखती प्रदेश के सभी शहरों के लिए इंदौर का मास्टर प्लान आदर्श और मार्गदर्शक होगा। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के साथ इंदौर के प्रबुद्ध जनों ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से उनके निवास पर भेंट की और इंदौर के मास्टर प्लान के संबध में विचार रखे।
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा की इंदौर मुख्यमंत्री चौहान के सपनो का शहर है और 5 बार से स्वच्छता में लगातार नंबर एक बना हुआ है।
यह सब इंदौर के लोगो की जागरूकता का परिणाम है इंदौर वास्तव में एक सांस लेता शहर है यहां का प्रत्येक निवासी इसके बेहतरी के बारे में सोचता है और मदद के लिए हमें तैयार रहते है। यही बात इस शहर को देश में अलग पहचान देती हैं । इंदौर के मास्टर प्लान को सामाजिक, आर्थिक , तकनीकी, और शैक्षिक दृष्टि को सम्मालित कर बनाया जायेगा इसके लिए दुनिया के बेहतर विशेषज्ञों के विचार भी सम्मिलित किए जायेंगे। इंदौर से आए प्रतिनिधिमंडल में पदम सम्मानित, शिक्षा विशेषज्ञ, तकनीकी विशेषज्ञ, पर्यावरण विद, पत्रकार, समाज सेवी और अन्य लोग भी सम्मिलित थे।