उत्तर प्रदेश में ईवी को दिया बढ़ावा, सरकार देगी 440 करोड़ रुपए की सब्सिडी, 18 फीसदी बढ़ी हिस्सेदारी

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By Pinal PatidarPublished On: October 19, 2025

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में ई-वाहनों (EVs) के महत्व को बढ़ावा देने और स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत अगले दो वर्षों में कुल 440 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, ताकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा ईवी बाजार बनने की दिशा में आगे बढ़ सके। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा अगले दो वर्षों में 355 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पिछले तीन वर्षों में इस मद में केवल 85 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए थे।

ई-वाहन बाजार में यूपी की हिस्सेदारी और अवसर


नीति आयोग की रिपोर्ट-2024 के अनुसार, देश में बिकने वाले कुल ई-वाहनों में उत्तर प्रदेश का 18 प्रतिशत बाजार हिस्सा है। राज्य सरकार ने यह आंकड़ा आधार बनाकर निष्कर्ष निकाला कि यूपी में ईवी अपनाने की दर बढ़ाने के लिए और अधिक प्रोत्साहन की आवश्यकता है। यूपी को परफॉर्मर श्रेणी में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि राज्य में ईवी अपनाने की क्षमता मौजूद है, लेकिन इसे तेजी से बढ़ाने के लिए व्यापक रणनीति की जरूरत है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस वित्तीय प्रोत्साहन से राज्य में ईवी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में तेजी आएगी।

ईवी नीति-2022 और पंजीकरण छूट

उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन एवं गतिशीलता नीति-2022 के तहत, पहले तीन वर्षों के लिए सभी पंजीकृत ई-वाहनों पर 100 प्रतिशत पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स छूट की सुविधा दी गई थी। अब सरकार ने इस प्रोत्साहन को चौथे और पांचवें वर्ष तक भी जारी रखने का निर्णय लिया है। इस बार यह सुविधा सिर्फ राज्य में निर्मित वाहनों तक सीमित नहीं की गई, ताकि सभी प्रकार के वाहन मालिक इसका लाभ उठा सकें।

नए निवेश और विदेशी कंपनियों की रुचि

राज्य सरकार ने Invest UP के माध्यम से ईवी निर्माण इकाइयों और घटक विनिर्माताओं को आकर्षित करने की रणनीति बनाई है। जापान और जर्मनी की कंपनियों ने राज्य में ईवी विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने में रुचि दिखाई है। ये कंपनियां न केवल स्मार्ट और हाइब्रिड ईवी उत्पादन केंद्र बनाएंगी, बल्कि बैटरी तकनीक, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और घटक उत्पादन में भी निवेश करेंगी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि यदि ये इकाइयां स्थापित हो जाती हैं, तो अगले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश ईवी उत्पादन और बिक्री में देश में अग्रणी बन जाएगा।

शून्य उत्सर्जन वाहनों को बढ़ावा

सब्सिडी जारी करने का मुख्य उद्देश्य शून्य उत्सर्जन वाहनों को बढ़ावा देना है। उच्च स्तरीय प्राधिकृत ई-व्हीकल समिति ने प्रमुख राज्यों की नीतियों का अध्ययन किया, जिसमें दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं। सभी राज्यों में ईवी पंजीकरण पर 100 प्रतिशत रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क छूट दी जा रही है। इसी तरह की वित्तीय सहूलियत उत्तर प्रदेश में अगले दो वर्षों तक जारी रहेगी, जिससे राज्य में ईवी अपनाने की दर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

यूपी में ईवी मार्केट का भविष्य

विशेषज्ञों का मानना है कि 440 करोड़ रुपये की सब्सिडी राज्य में ईवी बिक्री को कई गुना बढ़ा सकती है। वर्तमान में यूपी का ईवी बाजार हिस्सा 18 प्रतिशत है, लेकिन सब्सिडी के प्रभाव से यह आने वाले दो वर्षों में 25-30 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। सरकार ने निर्माण इकाइयों पर कोई शर्त नहीं रखी है, ताकि निवेशक आसानी से राज्य में आ सकें। ऑटो-डेस्क और Invest UP प्लेटफॉर्म के माध्यम से कंपनियों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।