इंदौर शहर के जाने माने कॉलोनाइजर विजय अग्रवाल(Colonizer Vijay Aggarwal) भी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate (ED)) के हत्थे चढ़ गए। उन्हें, नरेश जैन जो एक हवाला कारोबारी हैं और जिसे पहले ही ईडी ने गिरफ्तार कर लिया हैं, से हुई पूछताछ में नाम आने पर गिरफ्तार किया गया हैं।
हवाला कारोबारी नरेश जैन(hawala trader naresh jain) कई दिनों से ईडी के निशाने पर था जिसे पिछले दिनों ही गिरफ्तार किया। नरेश जैन अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। खबर के मुताबिक उस पर एक बड़े हवाला घोटाले का आरोप लगा हैं। और ये हवाला घोटाला 1 लाख,10 हजार करोड़ का है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि नरेश जैन इंदौर के चिराग सहित कई कॉलोनाइजरों का फायनेंसर भी हो सकता है।
ईडी द्वारा पूछताछ करने पर नरेश जैन द्वारा विजय अग्रवाल का नाम बताया गया। इसके तुरंत बाद ईडी ने विजय अग्रवाल को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। इसके अलावा नरेश जैन के सभी कनेक्शनों की जांच ईडी द्वारा की जा रही है।
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सूत्रों की माने तो द वाइल्ड फ्लॉवर कॉलोनी जो बायपास स्थित सिल्वर स्प्रिंग के पास हैं इसे भी नरेश जैन की जमीन पर विजय अग्रवाल द्वारा विकसित किया गया है। सूत्रों के हवाले से खबर हैं कि विजय अग्रवाल के अलावा इंदौर के कुछ अन्य कालोनाइजर भी ईडी के हत्थे चढ़ सकते हैं। कहा जा रहा हैं कि भौंरासला का प्रोजेक्ट जिसमें कनक रेसीडेंसी के नाम से भूखण्ड बेचे गए, में अनूप कटारिया के साथ 64 करोड़ की धोखाधड़ी की बात सामने आई थी। जिसके चलते इस जमीन पर अब रजिस्ट्री होने पर रोक लगा दी गई है।
खबर है कि नरेश जैन का दाउद ग्रुप से भी कनेक्शन हो सकता है। वहीं नरेश जैन कांड में विजय अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद इंदौर के जमीनी कारोबारियों में हलचल मची हुई है।