किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, एमपी में भावान्तर योजना के रजिस्ट्रेशन हुए शुरू, जानें कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत

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By Raj RathorePublished On: October 3, 2025

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। हाल ही में लागू की गई भावांतर योजना किसानों को फसल बेचने पर होने वाले नुकसान से बचाएगी। अगर किसी किसान को अपनी उपज का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम मिलता है, तो इस अंतर की पूरी भरपाई सरकार करेगी। इसका मकसद साफ है – किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाना और उन्हें घाटे से बाहर निकालना।

रजिस्ट्रेशन की तारीखें बदलीं, आज से शुरू हुए आवेदन


पहले इस योजना के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन 10 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2025 तक होना तय था। लेकिन सरकार ने किसानों की सुविधा को देखते हुए तारीखों में बदलाव कर दिया है। अब यह प्रक्रिया 3 अक्टूबर से शुरू होकर 17 अक्टूबर 2025 तक चलेगी। यानी किसानों के पास आवेदन करने के लिए 15 दिन का समय होगा।

मुख्यमंत्री का भरोसा, किसी किसान को घाटा नहीं होने देंगे

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कुछ दिन पहले भावांतर योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि प्रदेश का कोई भी किसान नुकसान में नहीं रहेगा। अगर मंडी में उपज को एमएसपी से कम दाम मिलते हैं, तो उसकी भरपाई सरकार करेगी। उनका कहना है कि राज्य की जिम्मेदारी है कि किसानों को उनकी फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिले।

ऐसे मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल सोयाबीन का MSP ₹5328 प्रति क्विंटल घोषित किया है। यदि किसान को मंडी में इससे कम दाम मिलते हैं, तो सरकार दो स्थितियों में मदद करेगी:
1. अगर मंडी का रेट MSP से कम है लेकिन राज्य सरकार द्वारा तय मॉडल रेट से ज्यादा है, तो MSP और मंडी रेट का अंतर किसानों को मिलेगा।
2. अगर मंडी का रेट मॉडल रेट से भी नीचे चला गया है, तो MSP और मॉडल रेट का अंतर किसानों को दिया जाएगा।

कहां और कैसे कर सकेंगे किसान रजिस्ट्रेशन

इस योजना का फायदा उठाने के लिए किसान 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने कई विकल्प दिए हैं –
• एमपी ऑनलाइन केंद्र और कियोस्क सेंटर
• ग्राम सोसायटी कार्यालय
• स्थानीय मंडियों में बनाए गए हेल्प डेस्क

इसके अलावा किसान सीधे http://mpeuparjan.nic.in/ वेबसाइट पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन करने की ऑनलाइन प्रक्रिया

1. वेबसाइट पर जाने के बाद किसान को सबसे पहले खरीफ या रबी सीजन और वर्ष का चयन करना होगा।
2. फिर किसान पंजीयन विकल्प चुनना होगा।
3. यहां किसान की पूरी जानकारी भरनी होगी – समग्र आईडी, आधार से लिंक मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण।
4. इसके बाद खेती से जुड़ी जानकारी जैसे खसरा नंबर और राजस्व रिकॉर्ड दर्ज करना होगा।
5. मांगे गए दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक और खेती के कागजात स्कैन करके अपलोड करने होंगे।

आवेदन के बाद क्या मिलेगा किसान को

सारी जानकारी और दस्तावेज अपलोड करने के बाद किसान को फॉर्म को ध्यान से जांचकर सबमिट करना होगा। सबमिशन के तुरंत बाद सिस्टम से एक पंजीयन संख्या या रसीद मिल जाएगी। इसी के आधार पर आगे किसानों को भावांतर योजना का लाभ दिया जाएगा।