कोरोना की चुनौतियों से उभरती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देगा यह बजट

Akanksha
Published:

इंदौर। यह बजट कोरोना की चुनौतियों से उबरती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाला दूरदर्शी और व्यावहारिक बजट है। इस बजट के तहत कृषि और किसान हितों, बुनियादी ढाँचे की मजबूती, उद्योग-कारोबार की गतिशीलता, निर्यात वृद्धि, शेयर बाजार को प्रोत्साहन, रोजगार के नए अवसर, नई माँग का निर्माण, टीकाकरण एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक न्याय के लिए भी प्रभावी प्रावधान सुनिश्चित किए गए हैं।

ALSO READ: भीख मांगने वाली लड़की बनी लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत, जानें कौन है ज्योति

वित्तमंत्री सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन की बूस्टर डोज़ देते समय राजकोषीय घाटे (फिजिकल डेफिसिट) को जीडीपी के 6.4 फीसदी तक विस्तारित करने में कोई संकोच नहीं किया है। इस बजट से अर्थव्यवस्था में नई जान फूँकी जा सकेगी। यह बात अर्थशास्त्री डॉ जयंतीलाल भंडारी ने मध्यप्रदेश टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन, टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया, मध्यप्रदेश शाखा, मध्यप्रदेश मिल्स स्टोर्स मर्चेंट और स्पिनर्स क्लब द्वारा आयोजित बजट पर परिचर्चा के दौरान कहीं। जाल सभागृह में बुधवार को आयोजित इस परिचर्चा का उद्देश्य केंद्रीय बजट 2022-23 का टेक्सटाइल के क्षेत्र पड़ने वाले प्रभाव की विवेचना करना था।

कोरोना की चुनौतियों से उभरती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देगा यह बजट

कार्यक्रम के दौरान सीएस चैप्टर इंदौर के पूर्व अध्यक्ष और पूंजी बाजार के विशेषज्ञ सीएस अजीत जैन ने कहा कि यह एक दूरदर्शी बजट हैं, जिसमें अगले पांच वर्षों का रोड मैप है। इसमें नई इंडस्ट्री, एमएसएमई और स्टार्टअप पर विशेष ध्यान देने के कारण एफडीआई और एफइआईएस भारत की ओर रुख करेंगे, जिसका सीधा फायदा देश की अर्थव्यवस्था को होगा। बाजार में फण्ड फ्लो बढ़ेगा, जिससे जीडीपी भी बढ़ेगी। कराधान विशेषज्ञ सीए सुनील पी जैन ने कहा कि इस बार बजट में टेक्सटाइल सहित पावर, फुटवियर और फ़ूड प्रोसेसिंग से संबंधित पूंजीगत वस्तुओं पर अगले एक साल में कस्टम ड्यूटी में छूटे समाप्त की जा रही है।

स्थिर बजट से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को होगा लाभ

अर्थशास्त्री डॉ. कमलेश भण्डारी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की मुख्य समस्या उत्पादन बढ़ाना नहीं बल्कि माँग एवं रोज़गार बढ़ाना है। इस बजट में पूरा ज़ोर व्यय बढ़ाकर माँग एवं रोज़गार बढ़ाने पर है। टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया, मध्यप्रदेश शाखा के अध्यक्ष श्री एसपाल ने बताया कि यह एक स्थिर बजट है और टेक्सटाइल इंडस्ट्री को इससे फायदा ही होगा। यह एक लॉन्ग टर्म बजट है, जिसका समाज के सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।

ALSO READ:  सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन ने कुष्ठरोग से मुक्ति के लिए वाईआई से किया गठबंधन

टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक वेदा ने बताया कि परिचर्चा में प्राप्त प्रमुख सुझावों को भारत सरकार टेक्सटाइल मंत्रालय को भेजा जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर कलेक्टर एवं उपायुक्त राजस्व इंदौर संभाग डॉ रजनीश श्रीवास्तव थे। यहाँ टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े 100 से अधिक उद्योगपति, मैनुफ्रैक्चरर और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम में टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक वेदा, राज्य सचिव एमसी रावत, कार्यक्रम की अध्यक्ष सीमा मिश्रा और स्पिनर क्लब के उपाध्यक्ष अंकित वेदा, डॉ पीएन मिश्रा, एमसी रावत, दीपेश अग्रवाल, सीए सुभाष देशपांडे, सुनील जैन, आरसी गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित थे।