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5 मिनट में खत्म होंगे पारिवारिक झगड़े, नए स्टांप योजना से मिलेगी राहत

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By Abhishek SinghPublished On: August 15, 2025

स्टांप और पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने विकसित भारत विकसित यूपी विजन-2047 पर चर्चा करते हुए आगामी बड़े सुधारों की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि न्यायालयों में सबसे अधिक मामले पारिवारिक विवादों से जुड़े हैं। इसके समाधान के लिए जल्द ही एक नई योजना लागू की जाएगी, जिसमें चार पीढ़ियों तक के पारिवारिक विवाद आपसी सहमति से केवल पांच मिनट में और पांच हजार रुपये के स्टांप के माध्यम से समाप्त किए जा सकेंगे। साथ ही, किराये संबंधी विवादों को कम करने के लिए रेंट एग्रीमेंट के पंजीकरण नियमों को आसान बनाया जा रहा है, जिससे इसका पंजीकरण मात्र 1000, 2000 या 3000 रुपये में संभव होगा।

उन्होंने बताया कि पासपोर्ट कार्यालयों की तरह ही रजिस्ट्री कार्यालयों को भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। छोटे मूल्य के स्टांप पेपर पर स्टांप वेंडरों का कमीशन बढ़ाया जा रहा है और एटीएम की तर्ज पर स्टांप पेपर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री के बाद तुरंत स्वचालित दाखिल-खारिज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। घर बैठे कई प्रकार के प्रपत्रों की रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था भी की जा रही है। स्टांप ड्यूटी का भुगतान विभिन्न माध्यमों से संभव होगा। इसके अलावा, अब विवाह का पंजीयन सीधे विवाह स्थल पर कराने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

बिना टैक्स बढ़ाए राजस्व में अभूतपूर्व उछाल

5 मिनट में खत्म होंगे पारिवारिक झगड़े, नए स्टांप योजना से मिलेगी राहत

उन्होंने बताया कि कौटिल्य ने कर वसूली में संतुलन बनाए रखने की बात कही थी—राज्य के खर्च पूरे हों, लेकिन जनता पर भार न पड़े। कर वसूली के बाद भी लोगों के पास अपने जीवन और व्यापार के लिए पर्याप्त संसाधन बचने चाहिए। कर वसूली का तरीका धीरे-धीरे और न्यायसंगत होना चाहिए। जैसे सूर्य से वाष्प उठती है और बाद में वर्षा के रूप में लौटती है, वैसे ही राज्य द्वारा कर के रूप में ली गई राशि को सार्वजनिक सेवाओं, सुरक्षा, विकास और कल्याण योजनाओं के रूप में जनता को लौटाया जाना चाहिए। इसी सिद्धांत पर विभाग काम कर रहा है, और इसका परिणाम यह है कि बिना स्टांप ड्यूटी बढ़ाए भी विभाग का राजस्व तीन गुना बढ़ गया है। पिछले आठ वर्षों में सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गई, फिर भी इस अवधि में रजिस्ट्री की संख्या 28 लाख से बढ़कर 50 लाख हो गई है।