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मध्य प्रदेश में जल्द दौड़ेगी सस्ती ‘सहकार टैक्सी’, ओला-उबर को मिलेगी सीधी चुनौती

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By Raj RathorePublished On: August 15, 2025

मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक ओला-उबर जैसी आधुनिक टैक्सी सेवा की तर्ज पर सहकार टैक्सी दौड़ती नजर आएगी। इस सेवा का संचालन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां (PACS) करेंगी, और बड़ी सहकारी समितियां भी इसमें भाग लेंगी। सबसे पहले इसका शुभारंभ प्रदेश के बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर से किया जाएगा, जिसके बाद इसे अन्य शहरों में भी चरणबद्ध तरीके से विस्तारित किया जाएगा। इस सेवा की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि किराया सामान्य टैक्सियों की तुलना में कम होगा और ड्राइवरों को किसी निजी कंपनी को कमीशन नहीं देना पड़ेगा, जिससे उनकी आय में सीधा इजाफा होगा। यह योजना केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा घोषित की गई थी, और अब प्रदेश में इस पर तेजी से काम शुरू हो चुका है।

तैयारी के निर्देश: बायलॉज और संचालन व्यवस्था पर काम

मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने अधिकारियों को सहकार टैक्सी सेवा जल्द शुरू करने के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में बायलॉज तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें कैब लिंकिंग, पंजीकरण प्रक्रिया, संचालन का ढांचा, रूट मैपिंग, किराया निर्धारण, सुरक्षा मानक, पोर्टल और ऐप शुल्क, टैक्स व्यवस्था आदि शामिल हैं। इस सेवा के तहत दोपहिया टैक्सी, तीनपहिया ऑटो-रिक्शा और चारपहिया टैक्सी तीनों प्रकार के वाहनों का पंजीकरण होगा। इसका मतलब है कि यात्रियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर बाइक, ऑटो और कैब सभी परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सहकारिता आयुक्त मनोज पुष्प के अनुसार, केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार यह तय होगा कि मध्य प्रदेश के लिए अलग मोबाइल ऐप बनाया जाएगा या फिर केंद्र के मौजूदा ऐप से ही सेवा दी जाएगी।

8 प्रमुख सहकारी संस्थाओं के जरिए होगा संचालन

मध्य प्रदेश में जल्द दौड़ेगी सस्ती ‘सहकार टैक्सी’, ओला-उबर को मिलेगी सीधी चुनौती

इस परियोजना की शुरुआत केंद्र स्तर पर 8 बड़ी सहकारी संस्थाओं और समितियों के माध्यम से की जाएगी। इनमें:
1. कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (KRIBHCO)
2. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
3. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB)
4. राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड
5. बहु-राज्य सहकारी टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड
6. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC)
7. भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO)
8. गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (AMUL)
शामिल हैं। इस योजना के संचालन में राज्य सरकार का सीधा हस्तक्षेप नहीं होगा, बल्कि यह पूरी तरह सहकारी संस्थाओं के माध्यम से चलेगी।

300 करोड़ का केंद्रीय बजट और बड़े लक्ष्य

केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने इस योजना के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इस पूंजी का उपयोग टैक्सी खरीद, ऐप विकास, ड्राइवर प्रशिक्षण, वाहन बीमा, और आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में किया जाएगा। योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सुरक्षित, किफायती और पारदर्शी टैक्सी सेवा उपलब्ध कराना है, जिससे न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी बल्कि हजारों ड्राइवरों को रोजगार और स्थायी आय का स्रोत भी प्राप्त होगा।