परीक्षाओं का पूरा शेड्यूल घोषित, शिक्षा विभाग ने जारी किया नया शैक्षणिक कैलेंडर

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By Raj RathorePublished On: August 20, 2025

मध्यप्रदेश के स्कूलों में इस साल शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार सितंबर माह में तिमाही परीक्षाएं और दिसंबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती अर्द्धवार्षिक परीक्षा को लेकर है, क्योंकि यदि इन परीक्षाओं में बड़ी संख्या में विद्यार्थी कमजोर पाए जाते हैं, तो उनकी पढ़ाई को मजबूत करने के लिए शिक्षकों को अतिरिक्त मेहनत करनी होगी। इसी कारण संकुल प्राचार्यों को पहले से ही विद्यार्थियों की तैयारी पर विशेष ध्यान देने और कमजोर छात्रों पर फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं।

कमजोर छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं

विभाग का कहना है कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद अतिरिक्त क्लासेस चलाई जाएंगी। इन कक्षाओं में खासतौर से उन्हीं बच्चों को पढ़ाया जाएगा जो परीक्षा में कमजोर साबित होंगे। संकुल प्राचार्यों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि जनवरी तक इन विद्यार्थियों को हर विषय में दक्ष बना दिया जाए। इसके बाद उन्हें रिवीजन क्लासेस कराई जाएंगी ताकि बोर्ड परीक्षा से पहले उनकी सभी शंकाओं का समाधान हो सके।

शिक्षकों की ई-अटेंडेंस पर सख्ती

स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस (ई-अटेंडेंस) पर पूरी निगरानी रखी जाए। जुलाई महीने में शिक्षक ऐप पर दर्ज उपस्थिति 40 प्रतिशत से भी कम रही थी, जिस पर विभाग ने नाराजगी जताई है। अब आदेश दिए गए हैं कि हर शाला में शत-प्रतिशत ई-अटेंडेंस सुनिश्चित की जाए। यदि कोई शिक्षक जानबूझकर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग का मानना है कि जब शिक्षक नियमित रूप से विद्यालयों में उपस्थित रहेंगे तो पढ़ाई की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

सिलेबस पूरा कराने की सख्त समयसीमा

मध्यप्रदेश बोर्ड की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं सात फरवरी से शुरू होंगी। विभाग ने यह तय किया है कि शिक्षकों को दिसंबर के अंत तक और जनवरी के पहले सप्ताह तक पूरा सिलेबस समाप्त करना होगा। इसके साथ ही जनवरी में प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी कराई जाएंगी। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद यह पहली बोर्ड परीक्षा होगी, इसलिए शिक्षकों पर सिलेबस समय पर पूरा कराने और विद्यार्थियों को तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी है।

प्रायोगिक परीक्षाओं की व्यवस्था

इस बार प्रायोगिक परीक्षाओं की प्रक्रिया भी स्पष्ट कर दी गई है। नियमित विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षाएं उन्हीं के स्कूल में कराई जाएंगी, जबकि स्वाध्यायी छात्रों के लिए अलग से परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे। प्रायोगिक परीक्षाएं 19 फरवरी से 10 मार्च के बीच होंगी। यदि आवश्यकता पड़ी तो अवकाश के दिनों में भी यह परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं।

परीक्षा की तारीखों में नहीं होगा बदलाव

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने यह भी साफ कर दिया है कि कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा। यदि परीक्षा के दिनों में कोई सार्वजनिक अवकाश या स्थानीय छुट्टी आती है, तब भी परीक्षाएं तय समय पर ही होंगी। परीक्षार्थियों को सुबह 8 बजे तक परीक्षा केंद्र पर पहुंचना अनिवार्य होगा और निर्धारित समय से 15 मिनट पहले तक ही प्रवेश दिया जाएगा। उसके बाद आने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।