आज से 81 करोड़ से अधिक लोगों को मिलेगा केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ

Pinal Patidar
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नई दिल्ली। नए साल का आगाज हो चूका है और लोगों ने जमकर जश्न भी मनाया है। साल 2022 को विदाई देने के लिए लोगों ने तरह-तरह के प्लान तैयार किए थे। बता दे कि कोविड महामारी के बाद से आर्थिक तंगी और महंगाई की मार झेल रहे देश के करोड़ों गरीब परिवारों को केंद्र सरकार ने फिर से राहत दी है। केंद्र ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर किए गए लोगों को अगले 1 साल यानी दिसंबर 2023 तक मुफ्त में राशन उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

सरकार आज से यानी 1 जनवरी से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत 81.35 करोड़ लाभार्थियों को एक साल के लिए मुफ्त अनाज मुहैया कराएगी। जानकारी के लिए आपको बता दे कि अभी कुछ ही दिनों पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया था कि, सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है। इससे केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

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नई एकीकृत योजना के तहत, केंद्र सरकार देशभर में 5.33 लाख उचित मूल्य की दुकानों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से वर्ष 2023 के लिए सभी एनएफएसए लाभार्थियों, अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों और प्राथमिकता वाले घरेलू व्यक्तियों दोनों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करेगी। पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3,2,1 रुपये प्रति किलो की दर से देती है। सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त मिलेगा।

केंद्र ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर किए गए लोगों को अगले एक साल यानी दिसंबर 2023 तक मुफ्त में राशन उपलब्ध कराने का फैसला किया है। गरीबों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने के लिए सरकार ने 2020 में प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया था कि राशन के लिए गरीबों को एक भी रुपये नहीं देना होगा। इस योजना पर सरकार हर साल 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

जानकारी के लिए आपको बता दे कि सरकार हर महीने 5 किलोग्राम अनाज 2 से 3 प्रति किलो की कीमत पर देती है। अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के तहत कवर होने वाले परिवारों को हर महीने 35 किलोग्राम अनाज मिलता है। इस कानून के तहत, गरीब लोगों को चावल 3 रुपए किलो और गेहूं 2 रुपए किलो पर मिलता है। अब केंद्र सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत, मुफ्त अनाज देने का पूरा बोझ उठाएगी।