इंदौर : ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में आज आई2-यू2 सत्र में इंडिया-इजराइल और यूएस-यूएई देशों ने अपने लक्ष्य-खाद्य, जल, नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरणीय चुनौतियाँ, उन्नत कृषि, टेक्नालॉजी आदान-प्रदान आदि विषय पर विश्व में बेहतरी की रणनीति बनाने पर चर्चा की।
आयुक्त चिकित्सा शिक्षा जॉन किंग्सले की अध्यक्षता में हुए सत्र में अमेरिका के काउंसल जनरल माइक हेंकी, इजराइल के काउंसल जनरल कोबे शोशानी और यूनाइटेड अरब अमीरात के चार्ज ‘डी’ अफेयर्स माजिद अल नेखेलवी ने आई2-यू2 देशों-भारत, इजराइल, अरब और अमेरिका के आपसी समन्वय से इन देशों की प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ती उपलब्धि और संभावनाओं पर चर्चा की।
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मध्यप्रदेश भारत-अमेरिका का प्रतिबिम्ब है
हेंकी ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत और अमेरिका का प्रतिबिंब है। भारत और अमेरिका एक दूसरे की आर्थिक नीति में विश्वास रखते हैं। लाखों विद्यार्थी प्रत्येक वर्ष अमेरिका में अध्ययन के लिये जाते हैं। वहीं अमेरिका से भी विद्यार्थी भारत आते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी खुद की स्कूलिंग भारत के तमिलनाडु में हुई है। हमारा आई2-यू2 ग्रुप मिलकर फूड एवं ऊर्जा सुरक्षा, टेक्नालॉजी, सहयोग, दवा उद्योग, हरित ऊर्जा आदि पर काम कर रहे हैं जो न केवल हमारे देशों को बल्कि विश्व को भी एक सुखद, सुंदर भविष्य प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में इन सब के लिए बहुत काम हो रहा है। स्व-सहायता समूह के माध्यम से महिलाएँ बहुत अच्छा काम कर रही हैं।
भारत और यूएई की दोस्ती पिछले दशक में हुई प्रगाढ़
माजिद ने कहा कि भारत और यूनाइटेड अरब अमीरात की दोस्ती पिछले 10 सालों में बहुत तीव्र गति से आगे बढ़ी है। भारत, अमेरिका, इजराइल और अरब अपने लक्ष्यों के प्रति गंभीरता से कार्य कर रहे हैं, जिसके दूरगामी परिणाम विश्व के लिये बहुत प्रभावी होंगे। समूह की गतिविधियों को और पुख्ता बनाने के लिये फरवरी 2023 में अबूधाबी में आई2-यू2 सम्मेलन किया जा रहा है। कार्बन फ्री शहर अबू धाबी सस्टेनेबल वीक मनाने वाला विश्व का पहला देश है। भारत और अरब के बीच में बहुत मजबूत टेक्नीकल संबंध भी हैं।
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मध्यप्रदेश का चावल और गेहूँ अरब में है लोकप्रिय
माजिद ने कहा कि मध्यप्रदेश का बासमती चावल, शरबती और डयूरम गेहूँ उनके देश में खासा लोकप्रिय है। मध्यप्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास किया है और आर्गेनिक खेती में अग्रणी है।
भारत-इजराइल में संघर्षों से उबर कर की है बड़ी तरक्की
कोबे ने कहा कि इजराइल और भारत में व्यवसाय की काफी संभावनाएँ हैं। दोनों ही देशों ने संघर्ष के बाद बहुत तरक्की की है। इजराइल स्टार्टअप्स के मामले में अग्रणी है। जल संरक्षण, खाद्य सुरक्षा, हरित ऊर्जा और उन्नत कृषि पर देश में बेहतर काम किया जा रहा है। इजराइल में टेक्नालॉजी के बल पर मात्र 2 से 3 प्रतिशत जनसंख्या काफी मात्रा में कृषि उत्पादन करती है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में भी ऊर्जा उत्पादन में बहुत अच्छा काम हुआ है।
जॉन किंग्सले ने कहा कि समूह के सभी देशों को विभिन्न क्षेत्रों में उच्चतर उपलब्धियाँ हासिल करने में काम करने की जरूरत है। हम एक-दूसरे से अपनी उपलब्धि और टेक्नोलॉजी साझा कर विश्व के लोगों को बेहतर जीवन और वातावरण उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के मध्य में स्थित मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिये पर्याप्त मात्रा में भूमि उपलब्ध है। मध्यप्रदेश फल, गेहूँ, तिलहन, दलहन, औषधीय पौधों की खेती आदि में अग्रणी होने के साथ यहाँ भण्डारण की क्षमता भी मौजूद है। यहाँ रोज 2 लाख 70 हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है। प्राचीन काल से ही भारत मसालों का निर्यातक देश रहा है। सत्र के दौरान देश-विदेश के उपस्थित लोगों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर भी पेनेलिस्ट द्वारा दिया गया।