चारधाम यात्रा 2025: अब तक 38 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे चारधाम, 169 की मौत

हेलीकॉप्टर हादसे भी बने कारण

Dilip Mishra
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देहरादून। उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा इस साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को लेकर चर्चा में है। अप्रैल के आख़िर में शुरू हुई इस यात्रा में अब तक देश-विदेश से 38 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र धामों के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बीच एक चिंताजनक पहलू यह भी सामने आया है कि 169 लोगों की मौत हो चुकी है।
इन मौतों का मुख्य कारण ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी, दिल और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां और शरीर के अनुकूलन में लापरवाही रहा है। सरकार ने स्थिति को देखते हुए यात्रियों से अनिवार्य स्वास्थ्य जांच और सावधानी बरतने की सख्त अपील की है।

अब तक कितना रहा दर्शन का आंकड़ा?

30 अप्रैल 2025 को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई चारधाम यात्रा में 13 जुलाई तक कुल 38 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
धामवार आंकड़े इस प्रकार हैं:
• केदारनाथ: 14 लाख से अधिक
• बद्रीनाथ: 11.7 लाख
• गंगोत्री: 5.4 लाख
• यमुनोत्री: 5.3 लाख
• हेमकुंड साहिब: 1.5 लाख से अधिक

मौत के पीछे क्या कारण?

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, 169 में से 122 मौतें स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हुईं। इनमें हृदयाघात, हाई एल्टीट्यूड पल्मोनरी एडीमा (HAPE), श्वास संबंधी समस्याएं प्रमुख रहीं।
सबसे अधिक मौतें केदारनाथ में 65, बद्रीनाथ में 33, गंगोत्री में 21, यमुनोत्री में 19 और हेमकुंड में 1 दर्ज की गईं।

हेलीकॉप्टर हादसे भी बने कारण

इस वर्ष यात्रा के दौरान तीन हेलीकॉप्टर घटनाएं सामने आईं।
8 मई को गंगोत्री मार्ग पर क्रैश में 6 लोगों की मौत
15 जून को केदारनाथ से गुप्तकाशी जाते हेलीकॉप्टर में 7 श्रद्धालुओं की मौत
17 मई और 7 जून को तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग, हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई

सरकार की स्वास्थ्य जांच व्यवस्था

सरकार ने इस बार हाई रिस्क को कम करने के लिए कई मेडिकल इंतजाम किए:
• 4.3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की जांच
• 17,800 को हाई रिस्क की श्रेणी में पाया गया
• 294 लोगों को अस्पताल भेजा गया
• 29 को यात्रा स्थगित करने की सलाह दी गई
यात्रा मार्ग पर 69 डॉक्टर, 121 नर्सें, 309 ऑक्सीजनयुक्त बेड और 13 एंबुलेंस तैनात की गईं।

स्वास्थ्य को न करें नजरअंदाज

राज्य सरकार ने विशेष तौर पर 45 वर्ष से ऊपर के लोगों और डायबिटीज, हाई बीपी से पीड़ित श्रद्धालुओं को यात्रा से पहले पूरी तैयारी और अनिवार्य हेल्थ चेकअप की सलाह दी है।
सरकार का कहना है कि श्रद्धालु ऊंचाई पर जाने से पहले अनुकूलन (Acclimatization) और पर्याप्त आराम को नजरअंदाज न करें।