Food Inflation Data: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की भविष्यवाणी सच साबित हुई है, क्योंकि सब्जियों की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण खुदरा महंगाई दर में तेज बढ़ोतरी हुई है। सितंबर 2024 के लिए जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के अनुसार, खुदरा महंगाई दर 5.49 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो अगस्त 2024 में 3.65 प्रतिशत थी। जुलाई 2024 में यह दर 3.54 प्रतिशत थी। इस प्रकार, खुदरा मुद्रास्फीति ने आरबीआई के 4 प्रतिशत के सहनशीलता बैंड को पार कर लिया है।
खाद्य मुद्रास्फीति की स्थिति
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 में खाद्य मुद्रास्फीति की दर 9.24 प्रतिशत रही। ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 9.08 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 9.56 प्रतिशत रही। पिछले महीने, अगस्त 2024 में खाद्य मुद्रास्फीति दर 5.66 प्रतिशत थी। मंत्रालय ने कहा कि खुदरा महंगाई में यह तेज उछाल उच्च आधार प्रभाव और मौसमी कारकों के कारण हुआ है।
सब्जियों की कीमतों में भारी वृद्धि
खुदरा महंगाई के आंकड़ों में यह भी स्पष्ट हुआ है कि सितंबर में सब्जियों की महंगाई दर 35.99 प्रतिशत रही, जो अगस्त में 10.71 प्रतिशत थी। दूध और इससे जुड़े उत्पादों की महंगाई दर भी बढ़कर 3.03 प्रतिशत हो गई, जबकि दालों की मुद्रास्फीति 13.60 प्रतिशत से घटकर 9.81 प्रतिशत हो गई। खाद्यान्न की महंगाई दर अगस्त के 7.31 प्रतिशत से घटकर सितंबर में 6.84 प्रतिशत हो गई है।
सस्ते कर्ज की उम्मीदों पर प्रभाव
सितंबर में खुदरा महंगाई दर 5.49 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो आरबीआई के 4 प्रतिशत के सहनशीलता बैंड से काफी अधिक है। अब, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक दिसंबर 2024 में होगी। यदि अगले दो महीनों में खुदरा महंगाई दर 4 प्रतिशत से नीचे नहीं आई, तो यह संभावना है कि आरबीआई रेपो रेट में कटौती नहीं करेगा, जिससे सस्ते कर्ज की उम्मीदें धूमिल हो सकती हैं।