Haryana Employees Allowance/ Gratuity : हरियाणा के सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त निकायों में काम कर रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए एक अहम अपडेट सामने आया है। अब इन कर्मचारियों को वर्दी भत्ता अप्रैल 2025 से हर महीने की बजाय एक साथ मिलेगा। इस निर्णय से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को इस आदेश के पालन के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
एक साथ मिलेगा वर्दी भत्ता
वर्तमान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को हर महीने 440 रुपये वर्दी भत्ता मिलता था। लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे बदलते हुए एक साथ भुगतान करने का फैसला किया है। अप्रैल 2025 से यह वर्दी भत्ता सालाना आधार पर 5280 रुपये तक दिया जाएगा। यह कदम कर्मचारियों के वित्तीय पक्ष को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया है।
ग्रेच्युटी की सीमा में बढ़ोतरी
हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा में भी बड़ा बदलाव किया है। अब ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है, जो 1 जनवरी 2025 से लागू होगा। इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
ग्रेच्युटी क्या है?
ग्रेच्युटी एक महत्वपूर्ण लाभ है, जो कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट, त्यागपत्र या मृत्यु के बाद दिया जाता है। यह राशि कर्मचारियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से होती है, ताकि वे अपने भविष्य को सुरक्षित महसूस कर सकें। ग्रेच्युटी एक्ट के तहत यह लाभ किसी भी कर्मचारी को 5 साल से अधिक काम करने के बाद मिलता है। इसके अलावा, यदि कर्मचारी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होती है, तो नॉमिनी को ग्रेच्युटी की राशि दी जाती है।
क्या है ग्रेच्युटी की बढ़ी हुई सीमा?
अब हरियाणा राज्य सरकार के कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के बाद अधिक ग्रेच्युटी मिलेगी। बढ़ी हुई सीमा के तहत:
- वर्तमान सीमा: 20 लाख रुपये
- नई सीमा (1 जनवरी 2025 से): 25 लाख रुपये
इस तरह, कर्मचारियों को 25% अधिक ग्रेच्युटी मिलेगी, जो उनके परिवार को भविष्य में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। यह निर्णय कर्मचारियों के लिए बड़ा आर्थिक सहारा साबित होगा, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो रिटायरमेंट के बाद अपनी ज़िंदगी की दूसरी पारी शुरू करते हैं। साथ ही, यह कदम उनके परिवारों को भी भविष्य में आर्थिक मदद प्रदान करेगा, ताकि वे किसी भी तरह की समस्या से न जूझें।