आज केंद्र द्वारा लागू किये गए नए कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन का आज 18वां दिन है। आज इस कृषि बिल के विरोध के किसानों द्वारा भूख हड़ताल की जाना है। इस कड़ाके की ठण्ड और कोरोना काल जैसे विपरीत समय पर भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। सरकार और किसान द्वारा 5 दौर से ज्यादा की बैठक के बाद भी इस बिल पर सहमति नहीं बनी, जिसके बाद किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया।किसान संगठनों ने बताया की सोमवार को वो दिल्ली के सभी नाके पर दिनभर के लिए अनशन करेंगे।
कृषि बिल पर केजरीवाल सरकार और शिवसेना किसानों के समर्थन में उतरी और केंद्र सरकार पर जम से धावा बोला। फिलहाल, बीते दिन रविवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान किसान नेताओं ने उनके आने वाले आंदोलन की रूपरेखा के बारे में बताया। किसान नेता गुरनाम सिंह चिडोनी ने कहा कि किसान बैठक में यह तय हुआ है कि किसान सिंघु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित सभी नाकों पर अनशन करेंगे। साथ उन्होंने आगे बताया कि सोमवार की सुबह 8 से शाम 5 बजे तक एक दिवसीय अनशन पर रहेंगे. यह धरना सभी जिला मुख्यालयों पर भी होगा।
यह है किसानों की मांगे
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया की किसानों का लक्ष्य साफ़ है। उन्होंने कहा की सभी किसान नेता एक साथ है। शिव कुमार कक्का ने कहा कि किसानों की 4 मांगे है। जिसमें पहली मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए कृषि कानून वो वापस ले, दूसरा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का पक्का कानून बनाया जाये। और चौथा, पराली जलाने को लेकर किसानों का शोषण बंद हो।