इंदौर। लाइफ स्टाइल में आए बदलाव के कारण शहर में हेयर ट्रांसप्लांट के पेशेंट्स का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन और चर्म, गुप्त व एलर्जी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमजद पटेल अब इंदौर में एक ऐसी हेयर ट्रांसप्लांट टेक्निक लेकर आए हैं जिससे पहले इस्तेमाल होने वाली तकनीक की तुलना में अब पहले से ज्यादा घने बाल कम समय में ही विकसित किए जा सकते हैं। इस्तांबुल को पूरी दुनिया में हेयर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में सबसे बेस्ट जगह माना जाता है। डॉ. अमजद ने इस्तांबुल तुर्की से ही सर्जन की पढ़ाई की है और हेयर ट्रांसप्लांट की डिग्री भी वहीं से ली है। डॉ. अमजद ने बताया कि वहां जिन एडवांस टेक्निक का प्रयोग किया जाता है। अब उसी की शुरुआत हम इंदौर में करने जा रहे है। इसके लिए स्किन ओ क्लॉक में पूरी तरह से ट्रेंड 7 से ज्यादा लोगों की टीम भी मौजूद रहेगी।
एक ही छत के नीचे मिलेंगी सभी सुविधाएं
इस नई तकनीक को फॉलीक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (एफयूई) हेयर ट्रांसप्लांट के नाम से जाना जाता है। यह बेहद इफेक्टिव और सक्सेसफुल है और पूरी तरह से दर्दरहित होती है। इसके रिजल्ट बहुत तेजी से दिखाई देते हैं और इससे ज्यादा एरिया को आसानी से कवर किया जा सकता है। खास बात यह है कि इसमें रिकवरी काफी तेज होती है जो कि आमतौर पर दो से तीन दिन में ही देखने को मिल सकती है। स्किन ओ क्लॉक शहर का मोस्ट एडवांस्ड एस्थेटिक एंड हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर है जहां लेजर और ब्लड कलेक्शन से लेकर तमाम तरह की सुविधाएं अब एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो जाएंगी। हेयर ट्रांसप्लांट के अलावा स्किन ओ क्लॉक में अत्याधुनिक मशीन और डॉक्टरों द्वारा हाइड्रा फेशिअल, बोटॉक्स, फीलर्स – लिप्स, चिक्स, अंडर आई, हाइफू मशीन, डबल चिन हटाने के लिए, कार्बन फेशियल आदि जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा स्किन एलर्जी को लेकर भी हमारे पास काफी एडवांस ट्रीटमेंट अवेलेबल है।
एक साथ 4 से 5 हजार हेयर ग्राफ्ट ट्रांसप्लांट हो पाएंगे
अभी तक जो स्ट्रीप तकनीक का उपयोग आमतौर पर विशेषज्ञों द्वारा हेयर ट्रांसप्लांट में किया जाता है उससे 1500 से 2500 के करीब हेयर ट्रांसप्लांट किए जा सकते थे। वहीं, इस एफयूई तकनीक के जरिए काफी कम समय में लगभग दुगना 5000 के करीब हेयर ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के केवल कुछ जगहों के व कम बाल वापस लाने होते हैं तो स्ट्रीप तकनीक का उपयोग करते हैं। वहीं, अगर जिन लोगों का ज्यादा हिस्सा कवर करना होता है तो फिर यह नई एफयूई तकनीक काम आती है।
यूएसएफडी एप्रूव्ड टेक्निक से होगा ट्रीटमेंट
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन और चर्म, गुप्त व एलर्जी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमजद पटेल ने बताया इस्तांबुल तुर्की में इस्तेमाल होने वाली एसयूई हेयर प्लांट टेक्निक का फायदा लेने के लिए लोग उनसे एसओ स्किन, हेयर एंड लेजर सेंटर पर संपर्क कर सकते है। 56 श्रीनगर मेन, आनंद बाजार चौराहा पर स्थित इस स्किन ओ क्लॉक सेंटर का इनॉग्रेशन 11 फरवरी रविवार को किया गया। डॉ. पटेल ने कहा कि लोग मानते हैं कि ट्रांसप्लांट के कुछ समय बाद बाल चले जाते हैं टिकते नहीं है। पर वास्तव में ऐसा नहीं है। हेयर ट्रासप्लांट करने के सालभर बाद तक डॉक्टर के मार्गदर्शन में केयर करने पर किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। सालभर तक फॉलोअप करेंगे तो 7 से 8 महीने के बाद मरीज के सारे बाल आ जाते हैं और फिर ट्रांसप्लांट किए बाल हमेशा के लिए बने रहते हैं।