Delhi में बढ़ेगा मौतों का आंकड़ा, एक्सपर्ट ने बताई वजह

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नई दिल्ली। वैश्विक महामारी का संक्रमण देशभर में बढ़ रहा है हालांकि कही कही यह संक्रमण कम होता नजर आ रहा है। बता दें कि, एक सप्ताह पहले कोविड (Covid-19 in Delhi) के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज करने के बाद राजधानी दिल्ली (Delhi) में इनकी संख्या में कमी आई है। वहीं दूसरी ओर, चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मरने वालों की संख्या अपने चरम पर पहुंच गई है या नहीं, इसके लिए अगले कुछ दिनों तक इस संक्रमण से होने वाली मौत की प्रवृत्ति को देखने की जरूरत है।

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वहीं बीते दिन गुरुवार को राजधानी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय राजधानी में तीसरी कोविड लहर (Corona 3rd wave in delhi) का चरम गुजर चुका है, हालांकि उन्होंने आगाह किया कि शहर अब भी खतरे के दायरे से बाहर नहीं है। उल्लेखनीय है कि, राजधानी दिल्ली में 13 जनवरी को एक दिन में 28,000 से अधिक मामलों के साथ दैनिक मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई थी। साथ ही संक्रमण दर भी 14 जनवरी को 30 प्रतिशत से अधिक हो गई थी।

हालांकि पिछले कुछ दिनों में दैनिक मामलों की संख्या में कमी आई है। जिसके चलते शहर में गुरुवार को 12,306 मामले दर्ज किए गए और उस दिन 43 मरीजों की मौत भी हुई जो 10 जून के बाद सबसे अधिक है। जिसके बाद आज शुक्रवार को विशेषज्ञों ने कहा कि यह एक सामान्य महामारी विज्ञान की प्रवृत्ति है और मृत्यु की संख्या चरम पर आम तौर पर दैनिक मामलों की अधिकतम संख्या आने के 7-14 दिनों के बाद देखी जाती है क्योंकि संक्रमित पाए जाने पर रोगियों की स्थिति बाद में बिगड़ जाती है।

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दिल्ली सरकार द्वारा संचालित यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि, “पिछली लहरों की तुलना में इस लहर में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में काफी कमी देखी जा रही है। लेकिन कई रोगी जो संक्रमित पाए जाने के बाद भर्ती हुआ है, आम तौर पर अगले एक या दो सप्ताह में उसकी स्थिति बिगड़ने के बाद मर जाता है, और इसलिए मामलों की तुलना में मृत्यु दर बाद में चरम पर होगी।”

साथ ही डॉक्टर ने कहा कि इस लहर में, बड़े पैमाने पर कोरोनोवायरस के ओमीक्रोन स्वरूप का संक्रमण हो रहा है, ऐसे में भले ही परिवार का एक सदस्य संक्रमित हो रहा हो, लगभग पूरा परिवार ही उसकी चपेट में आ जा रहा है। वहीं वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि इसके कारण हर कोई जल्दी से पृथकवास में जा रहा है और साथ-साथ ठीक हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसलिए “तेजी से मामलों के बढ़ने के बाद तेजी से उनमें गिरावट भी आएगी।”