कांग्रेस के तेजतर्रार विधायक और युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी में भारी भ्र्ष्टाचार की जांच सीआईडी से करने को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को एक पत्र लिखा है। कुणाल चौधरी ने खास तौर पर साल 2016 से साल 2019 तक दिये गए पुरस्कारों,पांडुलिपियों को तैयार कराने में लगाया गया लाखों रुपये में हेरा फेरी का आरोप लगाते हुए तत्कालीन निदेशक की भूमिका पर सवाल उठाए है। गौरतलब है कि इस दौरान मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार सिंह रहे है जो वर्तमान में उच्च शिक्षा भोपाल में विवेकानन्द कॅरियर गाइडेंस सेल के निदेशक के पद पर कार्यरत है। विधायक कुणाल चौधरी ने पत्र में यह भी कहा है कि निदेशक जब पूर्व में प्राध्यापक के पद पर विभिन्न जगह पदस्थ रहे तब उनके खिलाफ संस्था प्रमुखों ने विपरीत टिप्पणियां करते हुए पैसे के हेरफेर के आरोप लगाए है। यदि कुणाल चौधरी के आरोपो को सही माना जाए तो बड़ा सवाल यह है कि ऐसे व्यक्ति को बड़े पद पर कैसे बिठाया जा सकता है जिसके खिलाफ उनके विभाग की ही विपरीत टिप्पणियां दर्ज हो। दूसरा यह भी की साहित्य अकादमी में पुरुस्कारों को लेकर जो सम्मान बना हुआ है,उस पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
जाहिर है यदि इन आरोपों की जांच की जाए तो और भी बड़े नाम सामने आ सकते है।
बहरहाल उपचुनावों को देखकर भाजपा फूंक फूंक कर कदम रख रही है और भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उमेश कुमार सिंह को तुरन्त पद से हटाकर सरकार यह संदेश देने की कोशिश कर सकती है कि वे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नही करेगी।