हिंदू धर्म में शनिवार का दिन विशेष महत्व रखता है। यह दिन न्याय के देवता और कर्मफल दाता शनि देव को समर्पित माना गया है। मान्यता है कि इस दिन शनि देव की सच्चे मन से पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। खासकर जो लोग शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से गुजर रहे हैं, उनके लिए शनिवार के उपाय अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं।
क्यों कहा जाता है शनि को कर्मों का दाता?
शनि देव को कर्मों का न्यायाधीश कहा जाता है। वह व्यक्ति को उसके अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। इसलिए शनि के प्रकोप से बचने के लिए सबसे पहले अपने कर्मों को सुधारना आवश्यक है। यदि कोई व्यक्ति ईमानदारी, परिश्रम और धर्म के मार्ग पर चलता है, तो शनि देव की कृपा अवश्य प्राप्त होती है।

शनि दोष से मुक्ति पाने के सरल उपाय:
1. पीपल के पेड़ का पूजन:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के वृक्ष में कई देवताओं का वास होता है। शनिवार को पीपल के नीचे घी का दीपक जलाएं और लोहे के बर्तन में पानी, दूध, चीनी और घी मिलाकर उसकी जड़ों में अर्पित करें। यह उपाय सुख-समृद्धि और शनि की शांति के लिए बेहद प्रभावी है।
2. हनुमान जी की उपासना:
शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से शनि के कुप्रभावों से राहत मिलती है। इस दिन हनुमान मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और “हनुमान चालीसा” का पाठ करें। हनुमान जी को शनि देव का शमनकर्ता माना गया है।
3. काली गाय की सेवा:
शनिवार को काली गाय की सेवा करने से भी शनि दोष से मुक्ति मिलती है। गाय के सिर पर रोली लगाएं, सींगों में कलावा बांधें और उसकी धूप-आरती करें। मान्यता है कि यह उपाय करने से शनि देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
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