असमंजस : तेंदुआ तो मिल गया पर, नर और मादा में उलझ गए वन अधिकारी

Akanksha
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इंदौर के तेंदुआ कांड में अब नया ट्वीस्ट आया हैं। मंगलवार को रेस्ट हाउस से रेस्क्यू किए गए तेंदुए को लेकर अधिकारीयों में गलतफहमियां शुरू हो गयी है। पहले तेंदुए को बुरहानपुर के वेटरनरी डॉक्टर ने दस महीने की मादा बताया था, जबकि रेस्क्यू किया गया तेंदुआ 7 महीने का नर निकला है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि पकड़ा गया तेंदुआ चिड़ियाघर से भागा हुआ ही है, या प्रबंधन ने अपनी छवि ख़राब होने से बचाने के लिए उसे वहां रख दिया हों।

और जिम्मेदारों का कहना है कि रेस्क्यू किया गया तेंदुआ वही है, जो चिड़ियाघर से भागा था। उनका कहना है कि रिपोर्ट देने में जल्दबाजी के चलते डॉक्टर से गलती हुई है। जबकि शुरू से ही बुरहानपुर वन विभाग की टीम उसे मादा तेंदुआ बता रही है। आपको बता दें कि बुरहानपुर नावरा से लाया गया तेंदुआ पिंजरे से भागकर कहीं चला गया था। वह सातवें दिन मंगलवार को नवरतन बाग में वन विभाग के परिसर में जाकर मिला। सबसे पहले सुबह 10.30 बजे पेड़ से गिरी बादाम लाने गए माली ने उसे देखा और टीम को जानकारी। सुचना मिलते ही पौने ग्यारह बजे 10 सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची। और वहां तेंदुए को मुश्किल से काबू में कर लिया गया।

वहीँ आपको बता दे कि इस पूरी घटना के समय प्रभारी उत्तम यादव और फॉरेस्ट अधिकारी विमला मुवेल के फोन पर बात करने का ऑडियो भी वायरल हुआ था। इसमें विमला द्वारा यह कहा गया था कि वह एक मादा तेंदुआ है। वह 6 से 7 महीने का है और उसके पैरों में चोट है, लेकिन जो वीडियो सामने आए हैं उसमें देख कर लग रहा कि वह नर तेंदुआ है।

वहीं बुरहानपुर के डीएफओ प्रदीप मिश्रा से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा दोनों तेंदुए के फोटो को मिलाया गया था। दोनो के रोजेक्स (जिसे आम भाषा मे चेहरे पर बने काले धब्बे होते है) एक ही हैं। हो सकता हैं वेटरनरी डॉक्टर की रिपोर्ट में जल्दबाजी में गलती हो गई हों, लेकिन हम यकीन से कह सकते हैं कि तेंदुआ वही है। और जहां तक तेंदुए के दोनों पैर पीछे से पूरी तरह जख्मी थे, उसके बावजूद भी वह इतनी ऊंचाई से कैसे छलांग मारकर भागा है यह सब के लिए भी सोचने की बात है। इसके बारे में तो वाइल्डलाइफ एक्सपोर्टही सही से बता पाएंगे ,लेकिन तेंदुआ तो वही है।

जबकि इस मामले में इंदौर जू प्रभारी उत्तम यादव का कहना हैं कि हम पहले दिन से ही कह रहे थे की सीसीटीवी फुटेज और कहीं भी तेंदुए के निशान नहीं मिले थे, पर जो तेंदुआ बुरहानपुर से भेजा गया था उसमें अधिकारी द्वारा मादा तेंदुआ बताया गया था, वही रेस्क्यू किया हुआ वह तेंदुआ नर है, लेकिन इस बात पर मैं अभी कुछ नहीं कह पाऊंगा। अब तक इंदौर के आसपास 14 से अधिक रेस्क्यू ऑपरेशन हमने किए हैं और तेंदुए के बच्चे के दोनों पैर घायल होने की वजह से इतनी दूर जाना असंभव है।