डिजिटल दुनिया में आतंक की घुसपैठ: Amazon से खरीदा विस्फोटक, PayPal से भेजी गई फंडिंग, FATF रिपोर्ट में भारत के दो हमलों का खुलासा

FATF की रिपोर्ट में टेरर फंडिंग के खतरनाक डिजिटल ट्रेंड का खुलासा, पुलवामा और गोरखनाथ हमले को बताया चेतावनी की घंटी

Dilip Mishra
Published:
डिजिटल दुनिया में आतंक की घुसपैठ: Amazon से खरीदा विस्फोटक, PayPal से भेजी गई फंडिंग, FATF रिपोर्ट में भारत के दो हमलों का खुलासा

FATF की रिपोर्ट में टेरर फंडिंग के खतरनाक डिजिटल ट्रेंड का खुलासा, पुलवामा और गोरखनाथ हमले को बताया चेतावनी की घंटी

दुनिया भर में आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि आतंकी संगठन अब हथियार और विस्फोटक जुटाने के लिए ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट में भारत के दो बड़े मामलों — 2019 का पुलवामा आतंकी हमला और 2022 का गोरखनाथ मंदिर हमला — का उदाहरण देते हुए बताया गया है कि किस तरह आतंकी Amazon और PayPal जैसे प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं।

पुलवामा हमले में Amazon से मंगाया गया था विस्फोटक

FATF रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने के लिए आतंकियों ने Amazon से एल्युमिनियम पाउडर ऑर्डर किया था, जिससे धमाके की तीव्रता कई गुना बढ़ गई थी। यह दिखाता है कि किस तरह आसानी से उपलब्ध ऑनलाइन संसाधनों का इस्तेमाल अब आतंकी हमलों की योजना में किया जा रहा है।

PayPal से भेजे गए लाखों रुपये, VPN से छिपाई लोकेशन

रिपोर्ट में 2022 के गोरखनाथ मंदिर हमले का भी जिक्र है। आरोपी ने PayPal के जरिए लगभग ₹6.7 लाख की विदेशी फंडिंग ISIS समर्थकों को ट्रांसफर की, और VPN (Virtual Private Network) के जरिए अपनी लोकेशन छिपाकर ट्रैकिंग से बचता रहा। यह तरीका अब आतंकियों के लिए नया ‘डिजिटल कवच’ बनता जा रहा है।

3D प्रिंटेड हथियार और ऑनलाइन प्रोपेगेंडा भी बना फंडिंग का जरिया

FATF ने यह भी खुलासा किया है कि आतंकी संगठन अब 3D प्रिंटर, केमिकल्स और हथियारों के पार्ट्स ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ संगठन प्रचार सामग्री जैसे किताबें, कपड़े और म्यूजिक बेचकर भी फंडिंग जुटा रहे हैं। इसने टेरर फाइनेंसिंग के पारंपरिक तरीकों को बदलकर उसे कहीं अधिक आधुनिक और खतरनाक बना दिया है। FATF ने अपने सदस्य देशों को चेतावनी दी है कि P2P (Peer-to-Peer) पेमेंट सिस्टम, VPN सेवाएं और ई-कॉमर्स गतिविधियां अब आतंकी फाइनेंसिंग के नए रास्ते बन चुकी हैं। यदि इन पर सख्त निगरानी नहीं रखी गई, तो भविष्य में डिजिटल टेरर फाइनेंसिंग वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकती है।  रिपोर्ट के अनुसार, कुछ देशों की सरकारें भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकियों को फंडिंग, प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक सहायता दे रही हैं। भारत ने लंबे समय से पाकिस्तान पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं। FATF की यह रिपोर्ट न केवल वैश्विक चेतावनी है, बल्कि डिजिटल युग में सुरक्षा की नई चुनौतियों को उजागर करने वाली दस्तावेज़ भी बन गई है।